बचपन के शौक को बनाया जीवन जीने का जरिया
जांजगीर-चांपा 29 सितम्बर 2023/ प्रगतिशील किसान ईश्वर गुप्ता जिनका खेती किसानी बचपन से ही उनका शौक रहा आज उनके जीवन का जरिया बन चुका है। वह अपनी निजी जमीन पर जैविक खेती करते हुए फसल उगा रहे हैं, इसके साथ ही उनकी उद्यानिकी, वानिकी क्षेत्र में भी गहरी रूचि होने के चलते वह दिनों दिन इसमें अग्रसर हो रहे हैं।
जिला के विकासखण्ड बम्हनीडीह के ग्राम पंचायत अफरीद में रहने वाले श्री ईश्वर गुप्ता के पास 1.73 हेक्टेयर कृषि भूमि है। इस जमीन पर वह फसल तो उगाते थे, लेकिन फसल में उतना लाभ नहीं हो रहा है, एक दिन वह कृषि विभाग की चल रही योजनाओं की जानकारी लेने पहुंचते हैं। कृषि विभाग से जानकारी मिलने के बाद उनकी खेती किसानी में अमूलचूल परिवर्तन आया। कृषि वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर फिर नहीं देखा। वह बताते हैं कि आत्मा योजनांतर्गत विभिन्न प्रशिक्षण व भ्रमण कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी प्राप्त की। कृषि यंत्र हार्वेस्टर, रीपर, सीड ड्रील, डिस्क हैरो, थ्रेसर, ट्रेक्टर आदि का उपयोग किया। इसके अलावा धान प्रदर्शन में उन्नत बीज, खाद व दवा के बेहतर छिड़काव करने, कतार में बोनी के लिए अधिक प्रेरणा मिली। वह कहते हैं कि त्रिफलीय फसल पद्धति अंतर्गत धान, गेहूूं, मूंग, उड़द, मक्का की फसलें ली जाती है। उन्नत कृषि यंत्रों के सहयोग से कतार में बोनी कर रहा हूं। अनुशंसित खाद व दवा का उपयोग करते हुए बेहतर उत्पादन हो रहा है।
जैविक सब्जियों की खेती –
अफरीद के रहते वाले ईश्वर बताते हैं कि वह जैविक खेती के साथ ही सब्जी-भाजी भी उगा रहे है। वह सब्जियों में बैगन, भिंडी, गोभी उगा रहे हैं। सिंचाई की पूर्ण सुविधा होने के चलते उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। उनके द्वारा सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ भी लगाए गए है। यहीं नहीं वह पशुपालक के क्षेत्र में भी सक्रिय है और गाय पालकर डेयरी कार्य कर रहे हैं।
धान में बम्पर पैदावार –
ईश्वर इन इस वर्ष बेहतर फसल का उत्पादन किया। वह बताते हैं कि एक हेक्टर में उन्होंने 62 क्विंटल उत्पादन किया है। बीज उत्पादन प्रक्रिया में भाग लेने के कारण उनके द्वारा उत्पादित समस्त बीज समर्थन मूल्य के अतिरिक्त कीमत पर बीज केन्द्र द्वारा क्रय किया जा रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो रही है।
जिला स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित –
ईश्वर बताते है कि कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजनांतर्गत वर्ष 2012 में उन्हें जिला स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने कृषि क्षेत्र में और बेहतर तरीके से कार्य करना शुरू कर दिया। खेत में धान की खेती के साथ-साथ सब्जियों की अच्छी खासी पैदावार हो रही है। वह बताते हैं कि खेती करते हुए उन्होंने साईकिल से लेकर चार पहिया वाहन तक का सफर तय किया है और यह सब शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से लाभ लेकर ही संभव हो सका है। वह उन्नतशील किसान बन चुके हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
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