नई दिल्ली। केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालयों की विभिन्न एजेंसियों एवं आईबीएम के बीच आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर की अध्यक्षता की और इस अवसर पर मुख्य भाषण दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अपनी विशाल और युवा आबादी के साथ भारत असीम संभावनाओं के शीर्ष पर खड़ा है। इस जनसांख्यिकीय लाभांश का सदुपयोग करने हेतु युवाओं को आज की आधुनिक श्रमशक्ति में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है।
यह सहयोग ‘कुशल भारत’ के हमारे दृष्टिकोण और आईबीएम के स्किल्सबिल्ड प्लेटफॉर्म का उपयोग करके उभरती प्रौद्योगिकियों में डिजिटल कौशल प्रशिक्षण तथा कौशल निर्माण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज बनी ये साझेदारियां हमारे शिक्षार्थियों को प्रौद्योगिकी की वास्तविक क्षमता का दोहन करने और उन्हें भावी धन सृजनकर्ता एवं समाज का उद्यमी बनाने में काफी मदद करेंगी।
विभिन्न समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के तहत भारत में युवाओं को भविष्योन्मुखी कौशल से लैस करके सशक्त बनाने के लिए तैयार पाठ्यक्रम प्रदान किए जायेंगे। यह सहयोग स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और एआई (जेनरेटिव एआई सहित), साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग एवं व्यावसायिक विकास कौशल जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों से जुड़े व्यावसायिक कौशल में शिक्षार्थियों को कुशल बनाने हेतु पाठ्यक्रम के सह-निर्माण पर ध्यान केन्द्रित करेगा।
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