दिल्ली। पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ता है। इस बीच आम चुनावों से पहले वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि पिछले एक साल में 12.5 मिलियन (1.25 करोड़) से अधिक पाकिस्तानी गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं और अब देश की लगभग 40% आबादी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है।
वर्ल्ड बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस पर फौरन कदम उठाने के लिए कहा है, जिससे वित्तीय स्थिरता आ सके। बता दें कि पाकिस्तान में गरीबी की दर केवल एक साल में 34.2% से बढ़कर 39.4% हो गई, साथ ही 12.5 मिलियन (1.25 करोड़) से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए। इनकी दैनिक आय $3.65 यानी 1,048 पाकिस्तानी रुपए से भी कम है।
9.5 करोड़ से ज्यादा पाकिस्तानी गरीबी में बसर कर रहे जिंदगी
वर्ल्ड बैंक का कहना है कि करीब 9.5 करोड़ पाकिस्तानी अब गरीबी में गुजर करने के लिए मजबूर हैं। पाकिस्तान में दक्षिण एशिया में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और दुनिया में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। बैंक ने कहा कि साल 2000 और 2020 के बीच पाकिस्तान की औसत वास्तविक प्रति व्यक्ति विकास दर सिर्फ 1.7% थी – जो दक्षिण एशियाई देशों की औसत प्रति व्यक्ति विकास दर (4%) के आधे से भी कम है। जबकि 1980 के दशक के दौरान पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय दक्षिण एशिया में सबसे अधिक थी, अब यह इस क्षेत्र में सबसे कम है।
‘नीतिगत बदलाव की जरूरत’
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक की अगुवाई करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्री टोबियास हक ने कहा कि देश गंभीर आर्थिक और मानव विकास संकट का सामना कर रहा है, और एक ऐसे बिंदु पर है जहां बड़े नीतिगत बदलाव की जरूरत है। पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी कम नहीं कर रहा है और यहां का जीवन स्तर समकक्ष देशों से पीछे हो गया है। वहीं इस मामले पर विश्व बैंक में पाकिस्तान के देश निदेशक नेजी बेन्हासिन ने कहा, ‘यह पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव का क्षण हो सकता है।’
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