भारत की अध्यक्षता ने G20 को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंच बनाया : अमिताभ कांत

नई दिल्ली। जी-20 शेरपा अमिताभ कांत का कहना है कि हाल ही में संपन्न जी-20 शिखर सम्मेलन के नई दिल्ली घोषणा पत्र के भू-राजनीतिक विषयों पर आम सहमति बनाकर, भारत ने साबित कर दिया है कि वह एक मजबूत बहुपक्षीय वार्ताकार है। नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए, शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, “बिना किसी पूर्वाग्रह, किसी शर्त, किसी आशंका के दस्तावेज़ पर शत-प्रतिशत सर्वसम्मति प्राप्त करना बहुपक्षीय मंचों के इतिहास में अभूतपूर्व है।”



उन्होंने कहा कि राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में अपनाई गई जी-20 घोषणा पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की एक टीम को 200 घंटे से अधिक की लगातार बातचीत करनी पड़ी। प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “चूंकि किसी भी मंत्रिस्तरीय बैठक में आम सहमति नहीं बन पाई थी और सभी के पास फुटनोट थे, इसलिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया शुरू में नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के नतीजे को लेकर काफी सशंकित था।”

शेरपा कांत ने कहा, “नई दिल्ली से लगभग 60 किलोमीटर दूर मानेसर में हुई बातचीत बहुत सघन थी। शुरू से ही हमारा रुख यह था कि विभाजित जी-20 अस्वीकार्य है।” उन्होंने कहा कि इसे अपनाने की प्रक्रिया के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे गए, क्योंकि रूस के साथ-साथ जी-7 भी कई चीजों को शामिल करना चाहता था। “लेकिन ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और बाद में इंडोनेशिया जैसे विकासशील देशों के शेरपाओं ने आम सहमति बनाने में भारत के साथ मिलकर काम किया। बाद में हम सऊदी अरब, मैक्सिको, अर्जेंटीना, तुर्की के शेरपाओं से जुड़ गए और सभी सर्वसम्मति बनाने के काम में लग गये।”

उन्होंने कहा, ”इस दौरान हमने सभी जी-20 और आमंत्रित देशों के विचारों को ध्यान में रखते हुए कई मसौदे तैयार किए। हम घोषणा पत्र को समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहे। भारत की अध्यक्षता ने दर्शा दिया है कि जी-20 दुनिया का सबसे शक्तिशाली बहुपक्षीय मंच हो सकता है, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र से भी अधिक शक्तिशाली। जी-20 राष्ट्र दुनिया की 65 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और दुनिया की जीडीपी का 85 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं।”

अमिताभ कांत ने कहा कि जी-20 राष्ट्राध्यक्षों की घोषणा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी विश्वदृष्टिकोण-महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास, मानव-केंद्रित प्रगति, पर्यावरण हितैषी जीवन सुगमता (लाइफ), समावेशिता और कार्य-उन्मुख परिणामों की स्थायी छाप भी देखी जा सकती है। घोषणा पत्र और अफ्रीकी संघ की सदस्यता ने भारत को ग्लोबल साउथ के चैंपियन के रूप में स्थापित किया है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता में कुल 112 नतीजे हासिल हुए हैं, जो इंडोनेशिया की अध्यक्षता के दौरान प्राप्त होने वाले नतीजों से दोगुने से भी अधिक हैं। इंडोनेशिया में 2022 में 50 परिणाम और इटली में 2021 में 65 परिणाम प्राप्त हुए थे। पूर्व की अध्यक्षताओं के समय मिलने वाले परिणामों की संख्या 20-30 के बीच थी।

भारत की अध्यक्षता का कार्यकाल विशेष रहा है
शेरपा कांत ने यह भी कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता को अपनी विविधता के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी जी-20 अध्यक्षता बैठक कमरों की चारदीवारी के भीतर सिमटी हुई नहीं थी। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को इसमें शामिल किया गया। इस सिलसिले में हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें आयोजित की गईं।

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