कोरबा, 22 सितम्बर । रायगढ़ के एक्सिस बैंक में डकैती को अंजाम देने वाले गिरोह ने ही सात साल पहले कोरबा के केनरा बैंक में भी 51 लाख रूपये नकद व जेवर की डकैती की थी। इस दौरान पुलिस के हाथ केवल तीन आरोपी लगे थे, जिनसे रकम बरामद नहीं हो पाई थी। इन्हें सजा सुनाई गई थी। जेल से छूटने के बाद फिर घटनाएं करने लगे। एक्सिस बैंक डकैती कांड में गिरफ्तार गिरोह के पांच सदस्यों से पूछताछ में यह बात सामने आई है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में संचालित एक्सिस बैंक में मंगलवार की सुबह हथियारबंद डकैतों ने धावा बोल कर 5.65 करोड़ रूपये नकद व जेवर लूट लिए थे। छत्तीसगढ़ व झारखंड के बार्डर में रामानुजगंज पुलिस ने राज्य छोड़कर भागने से पहले पांच आरोपितों को धर धबोचा। इनके पास से डकैती के नकद व जेवर भी बरामद कर लिया गया है। डकैती कांड के पांच आरोपित अभी भी फरार हैं। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि सभी आरोपित बिहार और झारखंड के निवासी हैं और कई अन्य राज्यों में वारदात कर चुके हैं। इसमें सात साल पहले हुए कोरबा जिला के ट्रांसपोर्ट नगर के केनरा बैंक डकैतीकांड भी शामिल है। 21 सितंबर 2016 की सुबह 8.45 बजे केनरा बैंक की शाखा में बंदूक थामे छह डकैत उस वक्त धड़धड़ाते घुस गए थे जब चपरासी अमित कुमार सिंह साफ-सफाई कर रहा था। बैंक मैनेजर सुधीर कुमार झा ने चाबी दे देने में ही अपनी भलाई समझी।
डकैत बैंक से पूरा सोना व नकद समेट कर भाग गए। ओडिशा पुलिस ने घटना के करीब चार माह बाद संबलपुर स्थित एक बैंक में डकैती के मामले में दो आरोपितों को पकड़ा था। इस मामले का फरार मास्टर माइंड आरोपित माधव रविदास उर्फ अमरेंद्र कुमार माधव उर्फ सुजीत कुमार को एसटीएफ पटना ने धनबाद से गिरफ्तार किया। मूलत: बिहार के गया जिले में रहने वाले इस मोस्ट वांटेड की तलाश पांच राज्यों की पुलिस को थी। 40 से अधिक बैंक डकैती करने का रिकार्ड इसके नाम पर है। किराए पर घर लेकर कई माह से लुक छिप कर रह रहा था। मोबाइल लोकेशन के आधार पर एसटीएफ उस तक पहुंची थी। कोरबा पुलिस ओडिशा व बिहार में हुई गिरफ्तारी के बाद ट्रांजिस्ट रिमांड पर उन्हें कोरबा लाई थी। अभी भी तीन अन्य आरोपितों की तालाश है। कोतवाली टीआइ रूपक शर्मा ने बताया कि रायगढ़ में पकड़े गए आरोपितों के गिरोह ने ही केनरा बैंक में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। घटना में शामिल आरोपितों की शिनाख्ती की जा रही है।
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