लग्जरी कार से बोरियों में भरकर रखे मिले थे 1.40 करोड़ रुपए, पुलिस कर रही मालिक की तलाश

मध्य प्रदेश के सागर में चार दिन पहले पकड़े गए 1.40 करोड़ की जांच इनकम टैक्स (आईटी) की टीम ने बुधवार दोपहर पूरी कर ली। रकम के साथ पकड़े गए युवक ध्रुव प्रताप सिंह बुंदेला निवासी ललितपुर के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने केस दर्ज कर जांच में ले लिया है। उसके पास मिली रकम को आईटी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सिविल लाइंस ब्रांच के सरकारी खाते में जमा करा दिया है। विभागीय सूत्रों की माने तो पूछताछ के दौरान पकड़े गए युवक ध्रुव प्रतापसिंह ने आईटी अधिकारियों के सामने किसी शख्स का नाम लिया था। लेकिन आईटी ने जब उससे संपर्क किया तो उसने इस रकम पर अपना किसी भी तरह का दावा करने से मना कर दिया। इस स्थिति में आईटी ने इस रकम का वारिस ध्रुव प्रताप को मान उसके विरुद्ध आयकर अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया।

सूत्रों के अनुसार इस राशि पर किसी दूसरे व्यक्ति ने अपना दावा नहीं किया। कार व रकम के साथ पकड़े गए ध्रुव प्रताप को ही आरोपी बनाया गया है। उसके दो अन्य साथी युवकों की इसमें कोई भूमिका नहीं मिली है। दूसरी तरफ पुलिस जांच में सामने आया है कि जिस फॉर्च्युनर कार से रकम बरामद हुई थी, पूछताछ में उसके आनर ने यह कहकर स्वयं को मामले से दूर कर लिया कि मैंने केवल अपनी गाड़ी दी थी। इस राशि से मेरा कोई वास्ता नहीं है।

बता दें कि आयकर विभाग के नियमों के अनुसार 1.40 करोड़ रुपए तो सरकारी खजाने में जमा हो गए, इसे राजसात या जब्त रकम कह सकते हैं। अब इसके अलावा ध्रुव प्रता​प को 28 लाख रुपये और जमा कराने होंगे, उसे जेल भी हो सकती है। आईटी एक्ट व कार्रवाई के जानकार अधिवक्ताओं के अनुसार यह मामला उतना आसान नहीं है, जितना दिख रहा है। असल में इस अघोषित रकम पर, उसके मौजूदा मालिक को सबसे पहले तो 60 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके बाद उस पर 60 प्रतिशत ही पेनॉल्टी अधिरोपित की जाएगी। इस तरह से उसे 1.40 करोड़ रुपए की एवज में 1.68 करोड़ रुपए आयकर विभाग को जमा करने होंगे। उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। जिसमें उसे अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है।

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