कवर्धा,17 सितम्बर। जिले में विशेष संरक्षित जनजाति बैगा अपनी कला, संस्कृति और परम्परा प्रकृति के संवारते जन जीवन आकर्षित करते रहे हैं। अब यह समाज राज्य शासन के विशेष प्रयासों और केबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के मंशानुरूप से अब अपनी आजीविका और रोजगार के नए अवसरों का सृजन कर जैव विविधता आधारित और वन संसाधनों से आयमूलक गतिविधियों से अपने बच्चों और परिवार की जिंदगी संवार रहे हैं। इसी कड़ी में कबीरधाम जिले के विशेष संरक्षित जनजाति बैगा महिला लीडर जनजातीय महिलाओं के लिए लघु वनोपज के भंडारण, पैकजिंग एवं विपणन पर आयोजित प्रशिक्षण सह कार्यशाला में शामिल हुए हैं।
जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान,रायपुर एवं फाउंडेशन फॉर इकॉलोजी सिक्योर्टी के साथ साझा 13 से 15 सितंबर तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित किया गया है। जिसमें कबीरधाम जिले के विशेष संरक्षित जनजाति बैगा महिला लीडर ने प्रस्तुतीकरण करते हुए विकासखंड बोड़ला के बैगा बाहुल्य क्षेत्र में किए जा रहे जलवायु परिवर्तन अनुकूलन पर्यावरणीय कृषि पद्धति से टिकाऊ आजीविका, स्वास्थ्य एवं पोषण के सुधार अनुभवों को साझा किया। पर्यावरणीय खेती के संदर्भ में बताया कि बीज चयन, बीज उपचार, कतार मिश्रित खेती एवं किचन गार्डन की जानकारी दी गई।
बैगा महिलाओं ने वनोपज संकलन, संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन के अनुभवों को बताया। कबीरधाम के प्रतिनिधि समूहों में श्रीमती श्रीबाई एवं गनेशिया ग्राम छिन्दपुर, बिलाशु बाई ग्राम लब्दा, सुन्दरी एवं सुखिया ग्राम इंद्रीपानी, रामबाई ग्राम घटमुडा, रामकली एवं भक्तीन ग्राम पडियाधरान से शामिल है । तरेगांव जंगल कलस्टर के बैगा बाहुल्य क्षेत्र में बैगा महिलाओं को जलवायु परिवर्तन अनुकूलन पर्यावरणीय कृषि पद्धति से आजीविका, स्वास्थ्य एवं पोषण के सुधार के लिए तकनीकी सहायता वन विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, मत्स्य पालन विभाग, कृषि विभाग, वनोपज संघ, उद्यानिकी विभाग एवं पंचायत विभाग के समन्वय से चंद्रकांत यादव अध्यक्ष गाँधी ग्राम विकास समिति (ग्रामोदय केंद्र) के सक्रिय भागीदारी से किया जा रहा है । संस्था के सदस्य कोमल सिंह धारवैया, गणेश राम धुर्वे, चित्रारेखा राडेकर पैरालीगल वालंटियर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं ग्रामवासियों ने सभी बैगा महिला लीडर साथियों को राज्य स्तरीय सहभागिता के लिए शुभकामनाएं दी।
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