खालिस्तानियों पर भारत का विरोध, कनाडा ने ट्रेड वार्ता टाली

दिल्ली । जी-20 समिट के दौरान 10 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ वहां चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों” पर चिंता जाहिर की थी। इसके 6 दिन बाद ही कनाडा ने भारत के साथ फ्री ट्रेड डील को लेकर होने वाली बातचीत को टाल दिया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा की ट्रे़ड मिनिस्ट्री की प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, इसकी कोई वजह नहीं बताई गई। भारत अब तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर कनाडा के साथ कम से कम 6 राउंड की बातचीत कर चुका है।

वहीं भारत के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार से जुड़ी चर्चा तभी होगी जब दूसरे मुद्दों पर हल निकलेगा। उन्होंने कहा- कनाडा में कुछ ऐसी राजनीतिक गतिविधियां हो रही थी। जिन पर भारत ने आपत्ति जताई थी। जब तक इनका हल नहीं निकाल लिया जाता है। तब तक कनाडा से ट्रे़ड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत रोक दी गई है। कनाडा के साथ 10 साल से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर चर्चा जारी है। 2022 में इससे जुड़ी बातचीत को फिर लॉन्च किया गया था।

जी-20 के बाद कनाडा में भी ट्रूडो की आलोचना
जी-20 समिट के लिए भारत आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 2 दिन दिल्ली में फंसे रहे थे। इससे पहले PM मोदी ने उनसे सिर्फ एक अनौपचारिक मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने ट्रू़डो से खालिस्तानियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। वहीं, बैठक के बाद खालिस्तान के मुद्दे पर ट्रूडो ने कहा था- बीते कुछ सालों में मेरी PM मोदी से इस मुद्दे पर बात हुई है। हम हमेशा से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का अधिकार है।

ट्रूडो ने कहा था- इसके साथ ही हम हिंसा का विरोध करते हैं और किसी भी तरह की नफरत की भावना को दूर करेंगे। ये ध्यान रखना चाहिए कि कुछ लोगों के एक्शन पूरे कनाडा की सोच को नहीं दर्शाते हैं। हम कानून की इज्जत करते हैं। इसे लेकर कनाडा की विपक्षी पार्टियों ने भी ट्रूडो की काफी आलोचना की थी। दरअसल, ट्रूडो पूरे G20 समिट के दौरान अलग-थलग दिखाई दिए थे। वो राष्ट्रपति मुर्मू की तरफ से दिए गए जी-20 समिट के डिनर कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे।

फिर 10 सितंबर की शाम भारत से रवाना होने लगे तो उनका प्लेन खराब हो गया। इस पर भारत ने उन्हें अपने IAF वन प्लेन की सेवा लेने की पेशकश की थी लेकिन कनाडा ने इनकार कर दिया। 36 घंटे बाद ट्रूडो का प्लेन ठीक हुआ था तब वो वापस अपने देश लौट पाए थे।

कनाडाई PM का एयरक्राफ्ट 36 साल पुराना
ट्रूडो जिस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करते हैं वो 36 साल पुराना है। इसमें पहले भी तकनीकी समस्याएं आई हैं। अक्टूबर 2016 में ट्रू़डो के एयरक्राफ्ट ने बेल्जियम के लिए उड़ान भरी थी, तकनीकी खराबी की वजह से उसे बीच में ही वापस लौटना पड़ा था। 2019 में जब ट्रूडो नाटो के समिट में शामिल होने यूरोप गए तब भी उनके एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी।