रायपुर,11 सितम्बर I विनोबा सेवा संस्थान के सहयोग से संत विनोबा भावे की 129वीं जयंती समारोह पर आयोजित भूमि अधिकार एवं भूदान पर परिचर्चा का आयोजन सोमवार को जयदेव भवन, भुवनेश्वर में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आचार्य विनोबा भावे अद्वितीय क्रांतिकारी एवं भूदान आंदोलन के महानायक थे। उनकी देशभक्ति, दृढ़ संकल्प, स्वतंत्र सोच असाधारण और अद्वितीय थी। उन्होंने सदैव वंचितों, बेघरों के लिए क्रांति की। देश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए गांधीजी से प्रेरित होकर राष्ट्रसेवा में लग गये। आचार्य भावे जी ने वंचितों के लिए बहुत बड़ा काम किया है। राज्यपाल ने कहा कि वे गांधीजी के विचारों को फैलाने के लिए सेवा में लगे रहे और गांधीजी के आदर्शों का अक्षरशः पालन किया।
आचार्य विनोबा के रूप में उन्होंने भूदान आंदोलन के माध्यम से देश के हजारों भूमिहीन लोगों को भूमि और भोजन उपलब्ध कराया। पूरे देश में पैदल यात्रा करते हुए, उन्होंने बेघरों को दान में मिली लाखों एकड़ सिंचित भूमि प्रदान करके देश से गरीबी उन्मूलन में मदद की। उनके इस कार्यों के लिए देशवासियों द्वारा उन्हें एक महान क्रांतिकारी के रूप में पूजा जाता है। राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि क्रांति का अर्थ है जन जागरण। विनोबा की तरह गरीबों, पीड़ितों के अधिकारों के लिए, अपनी माटी के लिए, युवाओं और हर नागरिक को जागरूक होना होगा। समाज में जागरूकता की क्रांति पैदा होगी तो विनोबा का सपना साकार होगा और युवा उनके आदर्शों से प्रेरित होंगे. राज्यपाल ने इस मौके पर कहा कि अगर विनोबा जैसे स्वतंत्र विचार वाले व्यक्ति नहीं होते तो ऐसा कृत्य नहीं हो पाता। उक्त सम्मेलन में ओडिशा के पूर्व मंत्री व विधायक प्रफुल्ल सामल, विधायक मोहम्मद मोकिम, पूर्व केंद्रीय मंत्री ब्रजकिशोर त्रिपाठी सहित अन्य ने भाग लिया।
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