Konark Sun Temple: भारत में कई ऐसे भव्य मंदिर हैं, जो अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है। ऐसा ही एक खास मंदिर ओडिशा में है, जो सूर्य देव को समर्पित है। जी-20 सम्मेलन के डेलीगेट्स के स्वागत के दौरान भारत मंडपम में बैकग्राउंड में एक बड़ा सा पहिया लगाया गया था, जिसने बहुत से लोगों को इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक किया। यह पहिया ओडिशा के कोणार्क सन मंदिर के कोणार्क व्हील का प्रतिरूप है। कोणार्क सन टेंपल के नाम से मशहूर यह मंदिर पद्म खेत्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह यूनेसको वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल है। जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें और कैसे जा सकते हैं यहां घूमने।
सूर्य देव को समर्पित मंदिर
कोणार्क ओडिशा के गोल्डन त्रिकोण का हिस्सा है, जिसमें भुवनेश्वर और पुरी भी शामिल हैं। इसका निर्माण 1250 AD में राजा नरसिम्हदेव द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। यह मंदिर देखने में सूर्य देव के रथ की तरह दिखता है जिसमें 12 जोड़े पहिए हैं और सात घोड़े इसे खींच रहे हैं। कोणार्क व्हील यहां का सबसे मुख्य आकर्षण है। यह सन डायल की तरह काम करता और ऐसा माना जाता है कि यह बिल्कुल सही समय दिखाता है। बारह पहिए साल के बारह महीने दर्शाता है और पहिए के भीतर के आठ डायल दिन के आठ पहर को दर्शाता है। सुंदर कला कृतियों से सजा यह मंदिर आर्किटेक्चर और नक्काशी का अद्भुत उदाहरण है।
ये है मंदिर की खासियत
मंदिर का प्रांगण नृत्य मंडप और जगमोहन में बंटा हुआ है। सुरक्षा कारणों से मंदिर के मुख्य भाग के भीतर प्रवेश करना मना है, लेकिन इसके अलावा भी आप यहां अन्य कई चीजों को देख सकते हैं, जो इस मंदिर को आकर्षक बनाते हैं। मंदिर के बगल के हिस्सों में बारह जोड़े पहिए बने हुए हैं, जिन पर अलग-अलग आकृतियां बनी हुई है। हर पहिए पर बनी आकृति का अपना अलग महत्व है।
इसलिए भी खास है मंदिर
इसके अलावा मंदिर की दिवारों पर कई इरॉटिक नक्काशियां भी हैं। इसके साथ यहां पांच गैलेरी भी है, जहां आप ऐतिहासिक कलाकृतियां देख सकते हैं। ऑडिटोरियम में एक खास मंदिर के बारे में फिल्म भी दिखाई जाती है। इसके अलावा यहां से पास में ही चंद्रभग बीच और अष्टरंग बीच भी है, जहां आप बहुत ही सुंदर सन राइस और सन सेट का मजा लेकर अपनी ट्रिप को और यादगार बना सकते हैं। इसके पास ही बालूखंड कोणार्क वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी है।
कैसे पहुंचे इस मंदिर तक
कोणार्क सन टेंपल ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है। यह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से लगभग 60 किमी दूर है। बेहद मशहूर टूरिस्ट स्पॉट होने के कारण यहां आवागमन की सुविधाएं आराम से मिल जाती। पुरी तक पहुंचने के लिए ट्रेन या फ्लाइट बुक कर आ सकते हैं। फिर पुरी से बस या टैक्सी लेकर आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
क्या है आने का बेस्ट समय
अक्टूबर से फरवरी के बीच का समय यहां आने के लिए सबसे बेस्ट है। समुद्र के पास होने के कारण इस समय यहां का मौसम काफी सुहाना होता है। हालांकि विसिटिंग टाइम सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक का है।
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