Dengue Ayurvedic Remedies: डेंगू होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, इसे कम करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

Dengue Ayurvedic Remedies: डेंगू एक मॉस्किटो बॉर्न डिजीज है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है। इस वायरस को फैलाने के पीछे मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर जिम्मेदार होते हैं। बीते कुछ समय से देशभर में लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि इसे लेकर उचित सावधानी बरती जाए। डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

हालांकि, इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। सही जानकारी और उचित इलाज की मदद से इसे समय रहते ठीक किया जा सकता है। अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति डेंगू का शिकार है, तो आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपायों के बारे में, जिनकी मदद से आपको डेंगू के लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी।

डेंगू के लक्षण

डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मच्छर के काटने से होती है। जब यह वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, तो इसके कई सारे लक्षण नजर आते हैं। ये लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं। आप निम्न लक्षणों से इसकी पहचान कर सकते हैं।

  • बुखार
  • गले में खराश
  • सिरदर्द
  • मतली
  • उल्टी

डेंगू के लक्षण को कम करें ये उपाय-

नीम

अपने औषधीय गुणों के मशहूर है नीम की पत्तियां एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं। कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि अपने औषधीय गुणों की वजह से नीम डेंगू बुखार में काफा कारगर साबित होती है। आयुर्वेद के मुताबिक, नीम का अर्क चार प्रकार के डेंगू वायरस के विकास को रोकने में सहायक है।

पपीता

पोषक तत्वों से भरपूर पपीता कई तरह की समस्याओं को दूर करने में लाभकारी है। लोग इसे कच्चा और पका दोनों तरीके से इस्तेमाल करते हैं। डेंगू के गंभीर लक्षण को कम करने में भी पपीता काफी सहायक है। कई अध्ययनों से पता चला है कि पपीते की पत्तियां मलेरिया की रोकथाम के लिए सहायक है, लेकिन यह डेंगू के इलाज में भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। हालांकि, किसी गर्भवती महिला या किसी ऐसे व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, जो कोई दवाई ले रहा है।

चंदन और गुलाब जल

चंदन और गुलाब जल भी अपने कई सारे गुणों के लिए जाने जाते हैं। अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति डेंगू का शिकार है, तो चंदन और गुलाब जल का पेस्ट आपके लिए काफी सहायक साबित होगा। दरअसल, डेंगू में त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। ऐसे में इस ठंडे पेस्ट की वजह से आप इन चकत्तों से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि, यह एक अस्थाई उपाय है इसलिए अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

गिलोय

गिलोय आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाली एक जड़ी-बूटी है, जिसे कई समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे गुडूची के नाम से भी जाना जाता है। अपने कई सारे पोषक तत्वों की वजह से यह डेंगू बुखार में काफी फायदेमंद होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक गिलोय के पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से डेंगू के मरीजों के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

कालमेघ

कालमेघ भी एक तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो अपने अद्भुत गुणों के लिए जानी जाती है। साथ ही यह डेंगू बुखार में भी काफी फायदेमंद है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्वाद में कड़वी यह जड़ी-बूटी डेंगू वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है।

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