Janmashtami 2023 : 100 करोड़ के गहनों से राधा-कृष्ण का हुआ श्रंगार, एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की लगी भीड़

ग्वालियर। देशभर में आज जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। जब जन्माष्टमी की बात हो और शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर और राधा-कृष्ण के 100 करोड़ के बेशकीमती गहनों का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। जन्माष्टमी पर ग्वालियर के गोपाल मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण 100 करोड़ के गहनों से सिंगार करते हैं।

जन्माष्टमी पर होता है विशेष श्रंगार

सिंधिया रियासत के समय के इन सोने के गहनों में हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्न जड़े हैं। यह गहने एंटिक हैं। इन्हें साल भर बैंक के लॉकर में विशेष सुरक्षा में रखा जाता है। जन्माष्टमी की सुबह उनको कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से निकालकर लाया गया है। जिसके बाद गहनों और उनमें जड़े रत्नों की गणना करने के बाद भगवान राधा-कृष्ण को यह गहने पहनाए गए है। जिसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए है।

माधवराव सिधिंया ने की थी मंदिर की स्थापना

दरअसल गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और मालिक लगे हैं, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं।

जन्माष्टमी पर लगता है भक्तों का जमावड़ा

हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त सालभर का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहता है। इनमें विदेशी भक्त भी शामिल रहते हैं। वहीं गोपाल मंदिर में 100 करोड़ रुपए के एंटीक व बेशकीमती गहनों से सजे राधा-कृष्ण की सुरक्षा के लिए 100 से ज्यादा जवान व अफसर तैनात गए है। साथ ही मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक और सड़कों तक एक सैकड़ा CCTV कैमरे लगाए गए है।