UP.NEWS अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है, जिसका उद्घाटन अगले साल जनवरी के महीने में किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने सोमवार को बताया कि अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी से 26 जनवरी के बीच का दिन निश्चित किया जाएगा। चंपतराय ने सोमवार को रोहनिया स्थित जालान अतिथि गृह में मीडिया से बात करते हुए ये जानकारी दी। बता दें कि सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करनेवाले हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में CM योगी राम मंदिर के उद्घाटन से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। साथ ही उद्घाटन की तारीख पर भी मुहर लग सकती है।
51 इंच लंबी होगी प्रतिमा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा 51 इंच लंबी होगी। इसमें प्रभु के बालरूप में दर्शन होगा। इसे गर्भगृह में बने चबूतरे के ऊपर कमल पर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम सूर्यवंशी थे, इसलिए प्रधानमंत्री की इच्छा है कि उनके ललाट पर पहला आशीर्वाद भगवान सूर्य का पड़े। इसे देखते हुए रामलला की प्रतिमा की ऊंचाई आदि तय करने में खगोल विज्ञानियों की राय भी ली गई है, ताकि सूर्य की पहली किरण उनके ललाट पर पड़े।
गर्भगृह में देव विग्रह
गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की तीन प्रतिमाएं अलग-अलग कारीगरों से बनवाई जा रही हैं। इनमें कर्नाटक, जम्मू और जयपुर के कारीगर मूर्ति तराश रहे हैं। जो मूर्ति सबसे सुंदर और आकर्षक बनेगी, उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। गर्भगृह में रामलला के बालरूप विग्रह के अलावा चारों कोनों पर भगवान सूर्य, भगवान शंकर, मां भगवती और गणपति विराजमान होंगे। गर्भगृह के ऊपर भगवान राम के साथ मां जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ हनुमानजी भी होंगे। मंदिर में ही हनुमानजी और मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी होगा। पास में भगवान की रसोई में प्रसाद बनेगा।
दर्शनार्थियों की सुविधा
मंदिर में प्रवेश पूरब और निकास दक्षिण दिशा से होगा। इस मंदिर में एक साथ 25,000 लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे। शौचालय, बिजली, पानी, लाकर और बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ ही तीर्थयात्री सेवा केंद्र व चिकित्सालय भी बनेगा। श्रद्धालुओं से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। आरती और दर्शन का भी कोई शुल्क नहीं लगेगा।
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