रायपुर ,05 सितम्बर I मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेने ऑडिटोरियम पहुंचे मुख्यमंत्री। शिक्षक भर्ती 2023 अंतर्गत नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे भी हैं मौजूद। प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला प्रस्तुत कर रहे प्रतिवेदन। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती-2023 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में 1318 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
श्री बघेल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत पूर्ण हो चुके 7 हजार 688 मरम्मत कार्य एवं 464 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण का लोकार्पण किया। उल्लेखनीय है कि इन स्कूल भवनों के रंग-रोगन के लिए गौठान में बने 1 लाख 98 हजार 510 लीटर गोबर पेंट का उपयोग किया गया है, जिसकी कुल कीमत 4.76 करोड़ रुपए है।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी अभिभावकों से की चर्चा
लैलूंगा से हरिराम राठिया ने बताया कि हमारा स्कूल पहले ठीक नहीं था। अब बढ़िया हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्कूल बढ़िया हो गया है। अब रखरखाव करते रहिए। पालक समिति इस पर ध्यान देती रहे। मुख्यमंत्री ने पढ़ाई की स्थिति के बारे में भी पूछा। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में पदस्थ शिक्षक नितिन ने बताया कि हमारा स्कूल बहुत जर्जर स्थिति में था। अब अच्छा हो गया, अतिरिक्त कक्ष भी बन गया। मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की उन्हें बधाई दी और शुभकामनाएं भी दी।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रविन्द्र चौबे का उद्बोधन
मुख्यमंत्री शाला जतन योजना के अंतर्गत हुए कार्यों के 8000 से भी अधिक स्कूलों का शुभारंभ किया गया। शिक्षा का क्षेत्र हमारी सरकार की प्राथमिकता में रही है। 2100 करोड़ रुपए की लागत से शालाओं का मरम्मत हुआ। पहले जनभागीदारी से स्कूल भवनों का निर्माण होता था, आज 1300 शिक्षकों में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूँ।
मुख्यमंत्री ने इसे न केवल सोचा बल्कि कर दिखाया। स्कूल शिक्षा विभाग ननिहाल का भविष्य गढ़ने का काम करता है। मैं विभाग के अधिकारियों को बधाई देता हूँ, शिक्षा में निरंतर नवाचार हो रहा है, इसका पूरा श्रेय हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को है। छत्तीसगढ़ को शिक्षित और समृद्ध राज्य बनाने में आप सभी शिक्षक पहल करें यही मेरी कामना है। 5 साल में 30,000 शिक्षकों की नियुक्ति अपने आप में एक इतिहास है। लगभग 5 लाख बच्चे आज 700 से ज्यादा स्वामी आत्मानंद स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
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