PM पद की उम्मीदवारी पर I.N.D.I.A. खींचतान, AAP ने आगे बढ़ा केजरीवाल का नाम

मुंबई। विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. ब्लॉक की तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है। इसके लिए नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया है। विपक्षी प्रमुख विपक्षी दल 31 अगस्त और 1 सितंबर को आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे। इस दौरान नया झंडा जारी हो सकता है। सत्ता पक्ष का आरोप रहा है कि विपक्ष के पास न नेता है, ना ही कोई कोई रणनीति है। इस तरह के सभी सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की जाएगी।

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा,

मैं चाहूंगी कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें। इतनी कमरतोड़ महंगाई में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे कम महंगाई है। यहां मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा है। मुफ्त बिजली है। महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थयात्रा है। फिर भी सरप्लस बजट पेश किया गया है। केजरीवाल जनता से जुड़े मुद्दे उठाते हैं और मौजूदा सरकार के खिलाफ एक चुनौती के रूप में उभरते हैं।

वहीं, केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री गोपाल राय ने भी केजरीवाल को पीएम उम्मीदवार बनाने की बात कही। साथ ही कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन तय करेगा कि पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा। हर दल चाहता है कि उसका शीर्ष नेता पीएम पद का उम्मीदवार बने।

मायावती का I.N.D.I.A. में शामिल होने से इनकार


इस बीच, चर्चा जोरों पर थी कि क्या बसपा सुप्रीमो मायावती भी विपक्ष के इस गठबंधन का हिस्सा बनने जा रही हैं? हालांकि बहनजी ने साफ कर दिया है कि वे I.N.D.I.A. या NDA, किसी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लडे़ंगी।


क्या नीतीश कुमार को बनाया जाएगा संयोजक


सवाल यह भी है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आईएनडीआईए का संयोजक बनाया जा सकता है? बिहार में इस तरह की चर्चा जोरों पर है। हालांकि नीतीश कुमार स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि उनकी कोई निजी महत्वाकांक्षा नहीं है।
यह बात और है कि जदयू के नेताओं के अनुसार नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण उपलब्ध हैं।
सीटों का बंटवारा बड़ी चुनौती


नरेंद्र मोदी और भाजपा को रोकने के लिए सभी दल साथ तो आ गए हैं, लेकिन मिलकर लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने के मुद्दे पर पेंच फंसा है। जैसे नीतीश कुमार ने कहा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, यह जल्द से जल्द तय करना होगा। हालांकि यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि राज्यों में एक दूसरे के धुर विरोधी दल मिलकर चुनाव कैसे लड़ेंगे? क्या ममता बनर्जी, सीपीएम या कांग्रेस के लिए सीट छोड़ने पर राजी होंगी? क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के लिए सीट छोड़ने पर राजी हो जाएंगे? क्या आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव लड़ने का अपना फैसला वापस लेगी?