जब भी हमें चोट लगती है या फिर सर्दी-जुकाम हो जाता है तो हल्दी वाला दूध पीने को कहा जाता है। दरअसल, हल्दी हीलिंग गुणों से भरपूर है जिसका करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट, इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है और फिर आपको बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा हल्दी वाला दूध एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर है और आपके शरीर में दर्द और सूजन को कम करता है। लेकिन, कुछ स्थितियों में इसे पीना नुकसानदेह भी हो सकता है। क्यों और कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
शरीर की गर्मी बढ़ा सकता है हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध आपके शरीर की गर्मी बढ़ा सकता है। क्योंकि करक्यूमिन एक गर्म एंटीऑक्सीडेंट है और ये आपके पेट को गर्म करके इसके अस्तर को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे आपके मुंह में छाले, शरीर पर दाने और कई स्किन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, अगर आपको गर्म चीजों से नुकसान होता है तो, आपको हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए।
लिवर और पेट की बीमारियों में नुकसानदेह
हल्दी वाला दूध गर्माहट पैदा करने के साथ आपके शरीर के पीएच को भी खराब कर सकता है। ऐसे में ज्यादा हल्दी वाला दूध पीने से लोगों के पेट में सूजन, एसिड रिफ्लक्स और दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं महसूस हो सकती हैं। इसके अलावा जिन लोगों को लिवर से जुड़ी समस्याएं होती हैं उन्हें भी हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए क्योंकि ये लिवर के काम काज को बिगाड़ सकता है जिससे आपको कई समस्याएं हो सकती हैं।
बिना गॉलब्लेडर वाले न पिएं
बिना गॉलब्लेडर वाले लोगों को हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए कि आपका पित्ताशय यानी गॉलब्लेडर आपके पाचन तंत्र का वो हिस्सा है जिसका मुख्य काम पित्त को संग्रहित करना है। पित्त आपके पाचन तंत्र को फैट को तोड़ने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। तो, इन तमाम कारणों से से आपको हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए।
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