जैवविविधता संरक्षण व संवर्धन पर एक दिवसीय संभागीय स्तर कार्यशाला संपन्न

दंतेवाड़ा,26 अगस्त  मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में जैवविविधता संरक्षण व संवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला ऑडिटोरियम जावंगा गीदम में संपन्न हुई। मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि सदियों से बस्तर जैव विविधता से समृद्ध विरासत का पोषक रहा है। खनिज, औषधि एवं वन से परिपूर्ण इस धरा पर आदिवासी समुदाय प्रकृति के साथ सदैव संतुलन बनाकर चले है, इसके संरक्षण व संवर्धन करना हमारा महती दायित्व है। स्थानीय समुदाय के पुरातन ज्ञान विज्ञान एवं संस्कृति को न केवल सहेजने बल्कि उसे देश और दुनिया के समक्ष लाने की भी आवश्यकता है। यहां पाये जाने वाले वनीय जड़ी-बूटी में असाध्य रोगों में भी उपचारित करने की क्षमता है, भविष्य के लिए लुप्त हो रही औषधि पौधों वनस्पतियों बचाने हेतु स्थानीय समुदायों को इसकी बड़े पैमाने पर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए इसके लिए जैवविविधता प्रबंधन समितियां की बड़ी भूमिका है।

इस अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि प्रकृति और मनुष्य के बीच अटूट सम्बन्ध के निर्वहन का पाठ बस्तर से सीखना चाहिए हमारे प्राचीन वेदों पुराणों एवं संस्कृति में नदी पर्वत एवं वनों की पूजा का विधान है। जो प्रकृति और हमारे बीच सुदृढ़ सम्बन्ध और सामंजस्य का परिचायक है। परन्तु प्रकृति के अवैज्ञानिक विदोहन से यह सामंजस्य अब खतरे में है जो ग्लोबल वार्मिंग के रूप में मानव जाति के समक्ष है, और अभी भी अगर हम सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी को इसका खामियाजा भूगतना पड़ेगा।

जैवविविधता बोर्ड का उद्देश्य है कि भविष्य में जैवविविधता के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों का विस्तार कर इस दिशा में किए जाने वाले अन्य प्रयासों में युवाओं को प्रेरित करें साथ ही बोर्ड का यह भी लक्ष्य कि स्थानीय समुदाय के बडे वर्ग उससे लाभान्वित हो इसके साथ ही उन्होंने शासन द्वारा इस दिशा में किए जाने वाले प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि शासन की नरवा गरवा घुरवा बाडी योजना भी स्थानीय संसाधनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मूर्त रूप देने का एक अंग है और इसके सकारात्मक प्रभाव सभी के सामने है साथ ही शासन द्वारा अब वनोपज खरीदी में पूर्व से बढ़ाकर 65 प्रकार के वनोपजों को शामिल किया गया है जिसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों का मिलेगा।

इसके पूर्व आगंतुक अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरूआत में मां दंतेश्वरी एवं छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर माला अर्पण किया। उक्त कार्यशाला में सदस्य सचिव जैव विविधता बोर्ड प्रभात मिश्रा, अध्यक्ष युवा मितान क्षितिज चंद्राकर, मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर मोहम्मद शाहिद, मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी राजेश पांडे, डीएफओ सागर जाधव, जिला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वारंजन, कृषि महाविद्यालय डीन डॉ. आर. एस नेताम, प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी ठाकुर, वैज्ञानिक विकास रामटेके सहित जैवविविधता प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित थे।