मैं जो कुछ हूं, सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ की बदौलत ही हूं : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली । भारत कर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने विद्यालय सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ पहुंचे और वहाँ छात्रों, पूर्व-छात्रों और शिक्षकों से मिले। ज्ञात रहे कि श्री धनखड़ ने सन 1962 से 1967 तक अपनी स्कूली शिक्षा यहीं से पूरी की थी।

इस अवसर पर भावुक होते हुए उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि आज मैं जो कुछ हूँ, सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ और यहाँ मिली शिक्षा की बदौलत ही हूँ… इस माटी को मैं सलाम करता हूं! उन्होंने आगे कहा कि यहाँ के वातावरण में बच्चों के सर्वांगीण विकास का अवसर मिलता है, इसीलिए सैनिक स्कूल का बच्चा जहाँ भी जाता है उसकी लीडरशिप क्षमता के कारण एक अलग पहचान बनती है।

सैनिक स्कूल के छात्र-छात्राओं से मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति जी ने अपने स्कूल के दिनों के कई रोचक संस्मरण सुनाए। उन्होंने बताया कि गांव के प्राइमरी स्कूल में पांचवीं कक्षा तक ABCD नहीं सिखाई जाती थी इस कारण उन्हें सैनिक स्कूल में शुरुआती दिनों में कठिनाई का सामना करना पड़ा। एक बार प्रिंसिपल ने कक्षा में उनसे अंग्रेजी में कुछ सवाल पूछे तो वे समझ नहीं सके। प्रिंसिपल ने उन्हें शाम को अपने घर पर चाय के समय बुलाया, तब उन्होंने हिम्मत कर प्रिंसिपल से कहा, सर मैं होशियार लड़का हूँ, पर अंग्रेजी नहीं आती। उपराष्ट्रपति  ने बताया कि उन प्रिंसिपल ने मुझे मार्गदर्शन दिया और मेरा जीवन बदल गया। मैं आजीवन उनका ऋणी रहूँगा।

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