महासमुंद,22 अगस्त । अगले माह 1 सितंबर से वजन त्यौहार शुरू होगा। पहले ये वजन त्यौहार चालू माह 2 अगस्त से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलने वाला था। किंतु अपरिहार्य कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। अब वजन त्यौहार आगामी 1 सितम्बर से शुरू होगा, जो 13 सितंबर तक चलेगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के महिला एवं बाल विकास से ज़िला कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया गया है। कलेक्टर प्रभात मलिक ने ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास को सभी तैयारी समय रहते करने के निर्देश दिए है।
ज़िले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आगामी माह की पहली तारीख़ से 13 दिन तक चलने वाले इस वजन त्यौहार में तक़रीबन एक लाख 0 से 06 वर्ष के बच्चों का वजन कर कम वजन वाले बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाएगा। उनके कुपोषण स्तर की जांच की जाएगी। इसके साथ ही बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार वितरण करने के साथ ही पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस दौरान जन-जन को कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को उनके बच्चों को सही पोषण के संबंध में जानकारी दी जाएगी। कुपोषण को दूर करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ कितने बच्चों को मिल रहा है और कितने बच्चे कुपोषण से निजात पा चुके हैं उसका भी पता चलेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग समीर पाण्डे ने बताया कि वजन त्यौहार का आयोजन कलस्टर पर किया जाएगा। प्रत्येक कलस्टर में वजन त्यौहार के लिए विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, पर्यवेक्षक की डयूटी लगाई गयी है। आयोजित होने वाले वजन त्यौहार में आयु व वजन के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई तथा बच्चे की निःशक्तता संबंधी जानकारी भी संकलित की जाएगी। वजन त्यौहार के अवसर पर प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र हेतु ग्राम स्तरीय, वार्ड स्तरीय दल का गठन किया जाएगा एवं समुदाय के समक्ष आंगनबाड़ी, ग्राम, नगरीय क्षेत्र के सभी सर्वेक्षित बच्चे का वजन लेकर पोषण स्तर का मापन किया जाएगा। इस हेतु ऑनलाईन सॉफ्टवेयर से वजन की जानकारी भरकर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही पोषण स्तर ज्ञात किया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज बच्चों के अलावा वजन त्यौहार आयोजन के समय बाहर से आए बच्चे भी वजन लेने से वंचित न रहे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
कुपोषण की सही स्थिति को जानकर प्रत्येक बच्चे की जानकारी सॉफ्टवेयर में दर्ज कर कुपोषित बच्चों की स्थिति का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। कुपोषण विषय पर जनजागरूकता में वृद्धि लाने के लिए विशेष कार्य किए जायेंगे। राज्य के प्रत्येक केन्द्र, ग्राम पंचायत, विकासखंड में पृथक-पृथक कुपोषण की वर्तमान स्थिति की जानकारी तैयार करते हुए कुपोषण कम करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। कुपोषण की रोकथाम के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बेसलाइन सर्वे एवं लक्षित बच्चों का चिन्हांकन किया जाएगा। किशोरी बालिकाओं के एनीमिया के स्तर में सुधार लाने तथा एनीमिया के स्तर का आंकलन किया जाएगा।
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