रायपुर,14 अगस्त I मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को अपने निवास में स्वर्गीय देवीप्रसाद चौबे की स्मृति में आयोजित वसुंधरा सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने लोकजागरण के लिए वरिष्ठ पत्रकार-लेखक सुधीर सक्सेना को प्रशस्ति पत्र, शाल और श्रीफल भेंट कर वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया।
सुधीर सक्सेना ने कहा कि किसी भी पुरस्कार की महत्ता का आकलन इस बात से होता है कि वो निरंतरता रचती है या नहीं। इसका निर्धारण इस बात से भी होता है कि यह पुरस्कार किन लोगों को पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है। इस दृष्टि से यह पुरस्कार मेरे लिए संतोष का विषय है। उन्होंने कहा कि पुश्किन का कहना है कि कोई भी सम्मान कवि के हृदय में होता है। मेरे लिए यह मेरे सरोकारों का सम्मान है। छत्तीसगढ़ में मुझे जो प्रेम मिला है। वो अद्वितीय है। जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए, यह छत्तीसगढ़ की खासियत है।
सक्सेना ने आगे बताया कि 1978 में पहली बार यहां आया, तभी से हर साल यहां आता हूँ। इसने मुझे मोहपाश में बांध लिया है। यहां की आबोहवा से प्रभावित होकर गुरुदेव रवींद्रनाथ आये थे। कालिदास का मेघदूतम यहीं रचा गया। मैं जब भी यहां आता हूँ तो लगता है मैं घर लौटा हूँ। इस सम्मान से बड़ी जिम्मेदारी भी आई है। निरंतर सरोकारों से जुड़े रहने की जिम्मेदारी है।
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