बालोद ,09 अगस्त । महिला व बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि किसी भी समाज के विकास के लिए शिक्षा एवं संगठन दो महत्वपूर्ण मंत्र है। इसके बगैर समाज के विकास की परिकल्पना करना सर्वथा असंभव है। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को बच्चों को उच्च शिक्षित करने तथा संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने की अपील की।
मंत्री भेड़िया 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस समारोह के अवसर पर विकासखंड मुख्यालय डौण्डी के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रही थीं। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में संजारी बालोद के विधायक संगीता सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनादेवी देशलहरा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश निरोटी, जनपद अध्यक्ष बंसती दुग्गा, जनपद उपाध्यक्ष पूनीत सेन, जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर एवं करिश्मा सलामे, पीयुष सोनी और अन्य अतिथियों के अलावा कलेक्टर कुलदीप शर्मा, पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव, वनमण्डलाधिकारी आयुष जैन एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रेणुका श्रीवास्तव सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे। इस अवसर पर एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा आदिवासी संस्कृति पर आधारित भव्य एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में अतिथियों के द्वारा शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को विभिन्न सामग्रियों एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र आदि का भी वितरण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भेड़िया ने कहा कि समाज के विकास के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को अपने आने वाली पीढ़ी को शिक्षित बनाने हेतु प्रण लेने की भी अपील की। इसके अलावा उन्होंने समाज के विकास के लिए संगठन को अत्यंत आवश्यक बताते हुए संगठित होकर अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने को कहा। भेड़िया ने आदिवासियों के महत्व एवं विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सदियों से आदिवासी समाज के द्वारा जल, जंगल एवं जमीन का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जंगलों में हमारे देवी-देवताओं के निवास के साथ-साथ हमारा जीवन भी वनो पर ही आश्रित रहता है। जिसके फलस्वरूप जल, जंगल एवं जमीन की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। जिसका लाभ समाज के सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को पेड़-पौधों का अनिवार्य रूप से रक्षा करने तथा समुचित रूप से इसका रोपण भी करने को कहा। इस अवसर पर भेड़िया ने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से आदिवासियों के कल्याण हेतु राज्य में चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। भेड़िया ने कहा कि आदिवासियों का संपूर्ण जीवन खेती-किसानी एवं वनों पर आश्रित होता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा राज्य में 65 प्रकार के लघु वनोंपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। जिससे आदिवासियों एवं वनांेपज संग्रहण करने वालों को उनका वाजिब दाम मिल सके।
भेड़िया ने राज्य सरकार के द्वारा समाज के सभी वर्गों के कल्याण हेतु संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा बेरोजगारी भत्ता योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह 2500 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। इसके अलावा समाज के निम्न एवं मध्यमवर्ग के लोगों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने हेतु स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि जिसके फलस्वरूप बालोद जिले सहित डौण्डीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के छोटे-छोेटे गांव एवं कस्बों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना की गई है। जिसका लाभ यहाँ के नौनिहालों को मिलेगा। भेड़िया ने कहा कि इसके अलावा राज्य शासन के द्वारा डौण्डीलोहारा विधानसभा के सुदूर वनांचलों एवं छोटे-छोटे कस्बों में पोष्ट मेट्रिक छात्रावासों की स्थापना की गई है। जो इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण सौगात है। इस अवसर पर भेड़िया ने आदिवासी समाज के लोगों विश्व आदिवासी दिवस समारोह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि प्रकृति के संरक्षक इस धरती के माटी पुत्र सहज, सरल एवं मेहनतकश आदिवासियों के सम्मान में आज विश्व आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आदिवासियों के योगदान का सम्मान करते हुए उनके उत्थान तथा उनके महत्व एवं संस्कृति को व्यापकता प्रदान करने हेतु निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी एवं छत्तीसगढ़ की संस्कृति को पूरे देश के साथ-साथ विश्व पटल पर भी स्थापित करने का अभिनव प्रयास किया गया है। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन के माध्यम से आदिवासियों एवं छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति को पूरे देश एवं दुनिया में पहचान दिलाने का कार्य किया है। इस अवसर पर निषाद ने सुमधुर आदिवासी संस्कृति पर आधारित छत्तीसगढ़ी गीत की प्रस्तुति के माध्यम से छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों को आदिवासियों की सांस्कृतिक विशेषताओं पर प्रकाश डाला। संजार बालोद की विधायक संगीता सिन्हा ने छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आदिवासियों के उत्थान हेतु राज्य में चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी समाज के लोगों को जल, जंगल, जमीन का असली हकदार मानते हुए उन्हें वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने का अभिनव कार्य किया है। इसके अलावा राज्य में कला, संस्कृति एवं उनके सांस्कृतिक विशेषताओं का संरक्षण एवं संवर्धन जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष सोनादेवी देशलहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मिथेलेश निरोटी, जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर, जनपद अध्यक्ष बंसती दुग्गा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व आदिवासी समारोह के आयोजन के उद्देश्यों के संबंध में प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को विश्व आदिवासी दिवस समारोह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए विश्व आदिवासी दिवस की शाब्दिक व्याख्या करते हुए इसके आयोजन के महत्व के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी हमारी गौरवशाली संस्कृति, परंपरा एवं सभ्यता के सच्चे संरक्षण एवं संवाहक है। शर्मा ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन में आदिवासी समाज के लोगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा राज्य में आदिवासियों के उत्थान तथा उनके गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप आदिवासियों की सभ्यता एवं संस्कृति को आज पूरे देश एवं दुनिया में नया पहचान मिला है।
इस अवसर पर मंत्री भेड़िया एवं अतिथियों ने 07 हितग्राहियों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र, 03 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र, उद्यानिकी विभाग के द्वारा 05 हितग्राहियों को ब्रश कटर, कृषि विभाग के द्वारा 05 हितग्राहियों को बैटरी चलित स्पे्रयर एवं 06 हितग्राहियों को ब्रश कटर वितरण किया गया। इसके साथ ही जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति बालोद द्वारा 08 हितग्राहियों को 80 हजार रुपये का अनुदान वितरण किया गया। इसके अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत विभिन्न हितग्राहीमूलक कार्यों के अंतर्गत कुल 10 हितग्राहियों को 02 करोड़ 94 लाख रुपये से अधिक की राशि की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश प्रदान किया गया। इसके अलावा वन विभाग के द्वारा तेंदुपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2021 एवं 2022 के 10 हितग्राहियों को 01 लाख 64 हजार 583 रुपये का प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। इसके साथ ही 05 वन प्रबंधन समिति के अध्यक्षों को 31 लाख 39 हजार 701 रुपये का डमी चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं एसडीएम डौण्डी सुरेश साहू सहित अन्य अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों तथा बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों के अलावा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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