बवासीर की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं, इसका दर्द इतना होता है कि लोगों को पेनकिलर का सहारा लेना पड़ता है। बवासीर की समस्या बढ़ने पर इसके ऑपरेशन की नौबत भी आ जाती है। लाइफस्टाइल में बदलाव और खराब खानपान के कारण भी बवासीर की समस्या हो सकती है। बवासीर होने पर स्टूल पास करते समय दर्द और कभी-कभी ब्लीडिंग भी होती है। कई आयुर्वेदिक उपचार हैं जिनके जरिए बवासीर से राहत मिल सकती है। आइए जानते हैं गेंदे से बवासीर का इलाज कैसे करें।
बवासीर के इलाज में गेंदे का उपयोग
पाइल्स यानी बवासीर की समस्या जिन लोगों में होती है उनके मलद्वार के आसपास कई मस्से जैसे निकल आते हैं, जिनमें खुजलाहट, दर्द होता है। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, बवासीर के इलाज के लिए 5-10 ग्राम गेंदे के फूलों को घी में भूनकर दिन में तीन बार लें। इससे बवासीर में होने वाली ब्लीडिंग या खूनी बवासीर में फायदा मिलता है। खूनी बवासीर में आप 5 से 10 ग्राम गेंदे के फूलों के रस का दिन में 2 से 3 बार सेवन करें, ऐसा करने से आपको फायदा होगा।
गेंदे के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। बवासीर के इलाज के लिए आप करीब 10 से 15 ग्राम गेंदे के पत्तों को 2 ग्राम काली मिर्च एक साथ पीस लें। इस पेस्ट को पानी के साथ पिएं, आपको लाभ मिलेगा। बवासीर में होने वाली ब्लीडिंग रोकने के लिए आप 250 ग्राम गेंदे के पत्ते और केले की दो किलो जड़ लें और दोनों को रात में पानी में भिगो दें। सुबह इसका अर्क निकाल लें। इस अर्क का 15-20 मिली सेवन करें।
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