एंग्जायटी से लेकर सोरायसिस तक इन समस्याओं का ये है देसी इलाज

गोटू कोला, एक हर्बल रेमेडी की तरह इस्तेमाल होती है। आयुर्वेद ही नहीं ब्यूटी और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भी इसका अर्क और पाउडर मिलाया जाता है। इसके अलावा स्ट्रेस और एंग्जायटी जैसी दिमागी समस्याओं के इलाज में भी गोटू कोला का इस्तेमाल होता आया है। लेकिन, सवाल ये है कि क्या है गोटू कोला। इसे जादुई हर्ब क्यों कहा जाता है और इसके इस्तेमाल के क्या फायदे हैं? आइए, जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से।

गोटू कोला क्या है
गोटू कोला एक हर्ब है जिसमें गिलोय की तरह पत्तियां होती हैं। इन पत्तियों को उबालकर इसके अर्क को कई सप्लीमेंट्स में मिलाया जाता है। इसके अलावा गोटू कोला की पत्तियों को सूखाकर और उन्हें पीसकर कई स्किन केयर प्रोडक्ट्स, दवाइयों और सिरप में इस्तेमाल किया जाता है। आइए, जानते हैं इनके फायदे के बारे में।



एंग्जायटी और स्ट्रेस कम करने में मददगार

गोटू कोला स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम करते हुए फील-गुड न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन के स्तर को बढ़ाता है। यह तनाव प्रतिक्रिया से जुड़े हार्मोन को नियंत्रित करके तनाव कम करता है। इसके अलावा ये चिंता और अवसाद को कम करने के साथ-साथ अच्छी नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।  

एंटी इंफ्लेमेटरी है गोटू कोला
गोटू कोला एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। ये न सिर्फ गठिया के  दर्द को कम करने में मददगार है बल्कि ये शरीर दूसरे हिस्सों में भी सूजन को कम करमने में मदद कर सकता है। सूजन कम करने के लिए आपको गोटू कोला की पत्तियों को उबालकर इसका पानी पीना चाहिए।



वैरिकोज वेन्स की समस्या में कारगर

गोटू कोला वैरिकोज वेन्स की समस्या में काम आ सकता है। दरअसल, वैरिकोज वेन्स की समस्या में ब्लड वेसेल्स अपनी लोचपन खो देती हैं, पैरों में खून जमा होने लगता है और ब्लड वेसेल्स से तरल पदार्थ रिसने लगता है और नसों की सूजन बढ़ जाती है। ऐसे में गोटू कोला इस सूजन को कम करता है और वैरिकोज वेन्स की समस्या में कमी लाता है। साथ ही ये वेन्स के अंदर ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है ताकि, नसों पर अलग से प्रेशर न पड़े। तो, इन तमाम कारणों से आयुर्वेद में गोटा कोला का इस्तेमाल किया जाता है।