रायपुर,26 जुलाई। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नग्न प्रदर्शन करने वालों को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सभी 29 प्रदर्शनकारियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक वर्षा राठौर ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने युवकों के खिलाफ थाना विधानसभा में धारा 146,147, 353, 332, 294 के तहत अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसपर सुनवाई करते हुए रायपुर तृतीय अपर सत्र न्यायधीश दिलेश कुमार यादव ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
आपको बता दें कि, 18 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र शुरू हुआ था। इसी दिन जब सभी विधायक और मंत्री मानसून सत्र में शामिल होने जा रहे थे तभी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर युवाओं ने सड़क पर नग्न होकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान सुरक्षाबलों और अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की थी लेकिन युवा अपनी मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा। सुरक्षाबलों के साथ युवाओं की झूमाझटकी भी हुई थी।
क्या थी युवाओं की मांग?
बता दें कि, इन युवाओं ने दावा किया है कि, फर्जी जाती प्रमाण पत्र के सहारे 267 लोग नौकरी कर रहे है। इन पर जांच कर उचित कार्रवाई की मांग को लेकर ये युवा लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। अपनी मांगों को लेकर युवाओं ने फिर से मोर्चा खोलते हुए निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया था।
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