कोरबा, 27 नवंबर । कोरबा में महतारी एक्सप्रेस (102) में एक नवजात की मौत हो गई। दरअसल, इमरजेंसी केस के दौरान ड्राइवर ने गाड़ी में ही महिला की डिलीवरी करा दी, लेकिन नवजात को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। इस हालत से निपटने के लिए एंबुलेंस में न इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) था और न ही ऑक्सीजन उपलब्ध था।
पिछले दो दिनों में एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है। एक दिन पहले भी कोरबा में ही एक महिला और उसके दो जुड़वा नवजात बच्चों ने एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया था।
मामला अजगरबाहर क्षेत्र के ग्राम कदम झरिया का है। यहां रहने वाली विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा समुदाय की महिला गुरुवती को सोमवार को प्रसव पीड़ा हुई। देर रात उसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। मौजूद नर्सों ने जांच के बाद गुरुवती को जिला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
महतारी एक्सप्रेस-102 से गुरुवती को जिला मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया। इस दौरान अधिक पीड़ा और ईएमटी उपलब्ध नहीं होने के चलते महतारी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ही बीच रास्ते में गाड़ी रोक कर डिलीवरी करा दी, लेकिन नवजात को सांस लेने में समस्या आ गई। इसके बाद जिला मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
इस मामले पर 102 महतारी के जिला प्रभारी रवि सिंह ने सफाई दी है। उनका कहना है कि रास्ते में प्रसव के बाद नवजात शिशु को जिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर दिया गया था। ईएमटी और ऑक्सीजन पर उन्होंने कहा कि, शासन ने गाड़ी में ऑक्सीजन और ईएमटी की सुविधा नहीं दी है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉक्टर दीपक राज ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स की भर्ती की गई है। जहां डॉक्टर 10 से 5 बजे तक रहते हैं, इस बीच स्टाफ नर्स ही प्रसव कराती हैं। गंभीर हालत होने पर रेफर किया जाता है।
डा. गोपाल कंवर,अधीक्षक मेडिकल कालेज अस्पताल, कोरबा का कहना है कि महतारी एक्सप्रेस में महिला का प्रसव हुआ था।जब नवजात को मेडिकल कालेज अस्पताल लाया तो क्रिटिकल थी।उसे तत्काल वेंटीलेटर में रखा गया था।उसकी सेहत में सुधार नहीं हो सका।
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