कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने मनाई चंद्रशेखर आज़ाद व बाल गंगाधर तिलक की जयंती

रायपुर, 25 जुलाई। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने 23 जुलाई को आशीर्वाद भवन में अमर शहीद पंडित चंद्रशेखर आज़ाद तिवारी एवं लोकमान्य पंडित बालगंगाधर तिलक की जन्म जयंती मनाई। कार्यक्रम की शुरुआत अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल, सचिव पं. सुरेश मिश्र, कार्यकारिणी सदस्य एवं समाज के सभी उपस्थितजनों ने तिलक एवं आज़ाद के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।



इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखते हुए बताया कि हमारे पूर्वजों ने जो स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया था उनके बताये हुए मार्ग पर हम सभी को चलना चाहिए। शहीद चंद्रशेखर आज़ाद एक युवा क्रांतिकारी योद्धा थे। वे बाल्यकाल से ही स्वतंत्रता के दीवाने थे, और वो पूरी ज़िन्दगी अपने आप को आज़ाद रखना चाहते थे। कमर में पिस्टल, सीने में जनेऊ धारण करने वाले आज़ाद ने गुलाम भारत में क्रांति की अलख जगाई थी। आज़ाद ने संकल्प लिया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसीलिए अपने संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली खुद को मार ली और मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी। वहीं लोकमान्य तिलक का देश कि आज़ादी में अमूल्य योगदान रहा हैं। स्वतंत्रता संग्राम में देशभक्तों को एक जगह एकत्र करने के उद्देश्य से उन्होंने सार्वजनिक गणेशोत्सव परंपरा की शुरुआत की और जो धीरे- धीरे पूरे देश भर में एक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। इसके माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन ने जोर पकड़ा। “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा” यह नारा तिलक ने पूरे भारत को दिया । तिलक और आज़ाद के योगदान से आज भी युवा वर्ग को प्रेरणा मिलती है। कार्यक्रम का संचालन पं. इंद्रकुमार तिवारी (पंकज) एवं आभार व्यक्त सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री ने किया।

इस अवसर पर अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल, सचिव पं. सुरेश मिश्र, उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र, सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री, सहसचिव पं. गौरव शुक्ल, पं. राजकुमार अवस्थी, पं. चन्द्रभूषण बाजपेयी, पं. गिरजाशंकर दीक्षित, पं. श्रीकांत अवस्थी, पं. रामकिशोर दीक्षित, श्रीमती सुनयना शुक्ला, श्रीमती अर्चना त्रिवेदी, पं. विजय शुक्ल, पं. जयशंकर तिवारी, पं. शारदा प्रसाद बाजपेयी, पं. राजेश त्रिवेदी, पं. इंद्र कुमार तिवारी, पं. रविन्द्र शुक्ल, पं. विमल शुक्ल, पं. अमित बाजपेयी, पं. आशीष बाजपेयी, पं. विमल शुक्ल, पं. एन. एल. शुक्ल उपस्थित रहे।