नईदिल्ली I ट्विटर की एल्गोरिथम पूरी तरह बदल जाने के बाद कोरोना काल के बाद से हिंदी सिनेमा (बॉलीवुड) को निशाना बनाती रही इंटरनेट वाटर आर्मी ने शाहरुख खान की शोहरत के आगे हथियार डाल दिए हैं। इंटरनेट वाटर आर्मी सोशल मीडिया पर सक्रिय यूजर्स के उस गिरोह को कहते हैं जो पैसा लेकर किसी खास हैशटैग या किसी खास सितारे को ट्रोल करते हैं। चीन में कोई 13 साल पहले शुरू हुआ ये चलन अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद हिंदी सिनेमा के खिलाफ पहली बार बड़े पैमाने पर सक्रिय हुआ था।
दुनिया भर में इंटरनेट वाटर आर्मी का इस्तेमाल चुनावों के दौरान सियासी पैंतरों की होता रहा है। बताते हैं कि इसकी शुरुआत चीन में फिफ्टी सेंट पार्टी के नाम से हुई। इसके तहत हजारों लोगों को सिर्फ इस काम के लिए लगाया गया कि वह जनधारणा को बदलने का काम कर सकें और एक तय सियासी विचारधारा को आगे बढ़ाने में मदद कर सकें। इस सिलसिले को कुछ पीआर कंपनियों को पेशे की तरह अपनाया और अपने ग्राहकों के बारे में जनधारणा बनाने या विरोधी शख्सियतों की छवि बिगाड़ने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। लेकिन, ये प्रयोग भारत में इस साल की शुरुआत में तब लड़खड़ाया, जब तमाम कोशिशों के बाद भी ‘बायकॉट पठान’ हैशटैग ट्रेंड नहीं कर पाया।
ऐसा ही कुछ इस पार शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ को लेकर भी हो रहा है। मुंबई फिल्म जगत में सक्रिय इंटरनेट वाटर आर्मी फिर एक बार शाहरुख खान की शोहरत के आगे ढेर हो चुकी है। शाह रुख खान की फिल्मों को सोशल मीडिया पर बॉयकॉट करने की कोशिशों में लगे रहने वाले ट्रोल्स की इस बार भी चल नहीं पा रही है। सूत्र बताते हैं कि फिल्म ‘जवान’ के प्रीव्यू के बाद से जितनी बार ट्विटर पर इसके विरोध में हैशटैग ट्रेंड कराने की कोशिश हुई, उतनी बार ही ट्विटर ने इसकी एल्गोरिदम बदल दी। ट्विटर पर हिंदी फिल्मों के खिलाफ चलने वाले अभियानों में से फिल्म ‘पठान’ पहली फिल्म रही है, जिसके खिलाफ कोई बॉयकाट हैशटैग घंटे भर से भी ज्यादा ट्रेंडिंग नहीं रह सका।
फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद से ही बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियां सोशल मीडिया पर निशाने पर रही है। फिल्म ‘सड़क 2’ से छिड़ा बॉयकाट बॉलीवुड का अभियान पिछले साल के अंत तक तकरीबन हर हिंदी फिल्म का ट्रेलर आते ही ट्रेंड होता रहा है। मुंबई की कुछ एजेंसियां किसी भी हैशटैग को ट्रेंड कराने का ठेका लेती रही हैं और इससे इनकी अच्छी खासी आमदनी होती है। इन एजेंसियों का प्रस्ताव इन हैशटैग को वेरिफाइड अकाउंट से भी ट्वीट कराने का रहता है।
जून 2020 में रिलीज हुए फिल्म ‘पठान’ के ट्रेलर रिलीज के बाद एक साल हो चुका है और तमाम कोशिशें करने के बाद भी किसी बॉलीवुड शख्सियत या फिल्म के खिलाफ कोई नकारात्मक हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड नहीं कर पा रहा है। ट्विटर के पास अब ये व्यवस्था है कि वह किसी हैशटैग को जबरदस्ती पुश किए जाने का तुरंत पता लगा सकता है और इसे रोक सकता है। सूत्र बताते हैं कि ट्विटर के बदले निजाम में इसकी तकनीकी टीम ने सबसे बड़ा काम जो शुरू किया है, वह है उन यूजर्स का पता लगाना जो किसी भी एक तय समय में एक जैसी पोस्ट साझा करते हैं और जिनमें एक ही हैशटैग का बार बार इस्तेमाल किया जाता है। फिल्म ‘जवान’ का सोशल मीडिया बॉयकाट भी इसी के चलते नहीं हो पा रहा है।
ट्विटर पर झुंड बनाकर हैशटैग ट्रेंड कराने वालों की पहचान भी बीते साल के आखिर से ही शुरू हो चुकी है। और, ट्विटर की इस सक्रियता फायदा देश में सबसे ज्यादा हिंदी सिनेमा को मिल रहा है। और, यही वजह है कि अब किसी भी गाने, ट्रेलर, या पोस्टर को प्रमोट करने के लिए हैशटैग को पेड ट्रेंड कराने वालों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। अब ट्विटर पर ऑर्गेनिक तरीके से होने वाले ट्वीट से ही कोई हैशटैग ट्रेंड कर सकता है, पेड ट्वीट्स के जरिये हैशटैग ट्रेंड कराने की कोशिशों पर ट्विटर ने पूरी तरह से लगाम लगा रखी है।
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