BREAKING NEWS : केजरीवाल को कांग्रेस से बड़ा झटका, अध्यादेश पर पार्टी नहीं देगी साथ

दिल्ली पर केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस ने अपना रूख साफ कर दिया है. कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी. यानी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उम्मीद थी कि अन्य विपक्षी दलों के जैसे कांग्रेस भी अध्यादेश के मुद्दे पर उनका समर्थन करेगी, लेकिन केजरीवाल की यह उम्मीद धराशाही हो गई है.

दरअसल, दिल्ली में 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जमीन, कानून व्यवस्था और पुलिस को छोड़कर ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत अन्य मुद्दे की देखरेख करने का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था, पर 19 मई को केंद्र ने देश की राजधानी और दिल्ली को यूनियन टेरिटरी का हवाला देते हुए अध्यादेश लागू कर दिया था. जिसमें दिल्ली का बॉस उप राज्यपाल को बना दिया गया. इसके बाद दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.  

विपक्षी दलों ने कांग्रेस से केजरीवाल को समर्थन करने का किया था आग्रह

बता दें कि अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से मुलाकात कर इस मुद्दे के खिलाफ राज्यसभा में वोटिंग करने की अपील की. केजरीवाल ने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, केसीआर समेत कई विपक्षी दलों के प्रमुखों से मुलाकत कर अपना समर्थन जुटा चुके हैं. हाल ही में पटना में विपक्षी दलों की बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे समेत अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी केजरीवाल को समर्थन करने का आग्रह किया था, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समर्थन करने की बात पर चुप्पी साध ली थी. और अब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी. 

राज्यसभा में कांग्रेस का समर्थन

गौरतलब है कि राज्यसभा में कांग्रेस का समर्थन है. उच्च सदन में कांग्रेस अगर अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग कर देती तो बिल पास होने पर रोक लग सकती है. केजरीवाल चाह रहे थे कि कांग्रेस राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग करें, लेकिन कांग्रेस ने केजरीवाल की उम्मीद पर पानी फेर दिया.