मीनाबाज़ार को जन्माष्टमी मेला कहे जाने को लेकर विहिप ने सौंपा ज्ञापन

रायगढ़ ,07 जुलाई  हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी पर प्रतिवर्ष शहर में मेला लगता है। जिसके लिए आमतौर पर मीनाबाजार शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे लेकर रायगढ़ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल की नगर इकाई ने आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को निगम कमिश्नर एस.के.चंद्रवंशी को ज्ञापन सौंपा है। अपने सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि जन्माष्टमी पर्व पर अयोजित होने वाले मेले का नाम मीना बाजार हटाकर जन्माष्टमी मेला रखकर हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान रखा जाए। बजरंग दल विभाग संयोजक विनय दुबे ने कहा कि मीनाबाजार का नाम बदलना चाहिए, क्योकि मीना बाजार यह कोई हिंदू संस्कृति का नाम नही है। हिंदुओं के प्रमुख पर्व पर अयोजित होने वाले मेले का नाम मीना बाजार रखना हमारे संस्कृति और हिंदुओं की भावनाओं के खिलाफ है।

ऐसे हुई थी मीनाबाजार की शुरुआत
आगरा के मीना बाजार आगरा किले में बनाया गया था, ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण हुमायूं के शासनकाल में हुआ था, लेकिन अकबर के समय में इसे सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली। आगरा में स्थित मीना बाजार को आगरा के किले में बनाया गया था, जो कि सेना के क्षेत्राधिकार में हुआ करता था। यहां महिलाएं आती थीं और बाजार लगाया करती थी, लेकिन ये कोई आम महिलाएं नहीं होती थीं। बल्कि मीना बाजार में शाही परिवार की महिलाएं, राजपूतों की रानियां कई बड़ी-बड़ी हस्तियां यहां आकर दुकानें लगाया करती थीं। यहां केवल मुगल घरानों से नाता रखने वाले कुछ ही लोगों को खरीदारी करने की इजाजत हुआ करती थी। इसके अलावा दूसरे राजा यहां खरीदारी करने के लिए आ सकते हैं। हाल ही में कई लोगों ने ये भी कहा था कि हरम के बाद मीना बाजार मुगलों के लिए अय्याशी की दूसरी जगह बन गई थी। हालांकि इस चीज की स्पष्ट जानकारी नहीं है।

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