KORBA : 24 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल हुई शुरू

आईटीआई तानसेन चौक पर कर रहे धरना प्रदर्शन


कोरबा, ,04 जुलाई। स्वास्थ्य कर्मियों की 24 सूत्रीय मांगों पर अब तक शासन-प्रशासन गंभीर नहीं हुआ है। जिससे स्वास्थ्य कर्मियों में आक्रोश भड़क उठा है। आक्रोशित कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वे आईटीआई तानसेन चौक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी हड़ताल से अस्पतालों में व्यवस्था चरमराने की पूरी संभावना है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश भर के स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन का हिस्सा हैं।


इसे लेकर जिला शाखा के पदाधिकारियों ने भी आंदोलन को लेकर ज्ञापन कलेक्टर, मेडिकल कॉलेज अधिष्ठाता, सीएमएचओ व पुलिस अधीक्षक को सौंपा था। जिसमें 4 जुलाई से आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। जिसके तहत आंदोलन शुरू हो चुका है। पदाधिकारियों ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा, आयुष संचनालय द्वारा शासन के निर्देश पर स्टाफ नर्स, सिस्टर ट्यूटर, उप नर्सिंग अधीक्षक सहित अन्य कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर किया जाए। विसंगति का निवारण कर विभिन्न भत्तों को केन्द्र के समान प्रदान किया जाए।


वर्तमान में की जा रही नियमित भर्तियों के पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, जीवनदीप समिति व डीएमएफ अंतर्गत कार्यरत सभी संविदा व अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए। उसके बाद भी नियमित भर्ती हो। समान कार्य पर समान वेतन भत्ता व सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुलिस विभाग की तरह एक वर्ष में 13 माह का वेतन प्रदान किया जाए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को 4 स्तरीय वेतनमान तथा एकल पद के तकनीकी पदों के लिए 4 स्तरीय पदोन्नति चैनल बनाया जाए। डिप्लोमाधारी स्टाफ नर्स को 3 वेतन वृद्धि व डिग्रीधारक स्टाफ नर्स को 4 वेतन वृद्धि का लाभ वर्ष 1985 से दिया जा रहा है।

वर्तमान में मध्यप्रदेश में यह मिल रहा है। इसे विगत कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ में नहीं दिया जा रहा है। अब वसूली की जा रही है। स्वास्थ्य कर्मियों ने इस वसूली पर रोक लगाते हुए वेतन वृद्धि लाभ को समस्त स्टाफ नर्स के लिए निरंतर रखने की मांग की है। इसके अलावा स्थानांतरण, आवास, अवकाश, निलंबन, समयमान वेतन, पदोन्नति, प्रोत्साहन पुरस्कार, कोरोना प्रोत्साहन राशि सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की है। स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन से चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो सकती है।