59 दिवसीय पवित्र सावन मास विशेष, 4 जुलाई से 31 अगस्त तक…इस बार सावन पर बन रहा 19 वर्ष बाद शुभ संयोग : पंडित डोगरा



सत्यदेव शर्मा सहोड़ / शिमला। जानेमाने अंक ज्यातिषी एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि इस बार 59 दिनों का होगा सावन का महीना। शिव भक्तों को इस बार आठ सोमवार मिलेंगे भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए। पंडित डोगरा ने बताया कि ऐसा योग लगभग 19 वर्षों के बाद बनने जा रहा है। श्रावण का महीना चार जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 31 अगस्त तक होगा। वहीं अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। जिसे मलमास भी कहा जाता है। सावन के महीने में 8 सावन सोमवार व्रत आएंगे। पंडित डोगरा के अनुसार एक चंद्रमास 354 दिनों का, जबकि एक सौर मास 365 दिनों का होता है। इस तरह से इन दिनों में 11 दिन का अंतर आ जाता है और तीसरे वर्ष 33 दिनों का अतिरिक्त एक माह बन जाता है। इस 33 दिनों के समायोजन को ही अधिक मास कहा जाता है। अधिक मास को मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।


पंडित शशिपाल डोगरा कहते हैं कि सावन माह के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से और उनका अभिषेक करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। श्रावण मास की महिमा का वर्णन कई प्रकार से वेद एवं पुराणों में किया गया है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि तीन जुलाई को शाम 05:07 बजे से चार जुलाई को दोपहर 1:32 बजे तक है।


पंडित डोगरा ने बताया इस वर्ष पवित्र अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) का एक माह बढ़ जाने के कारण यह पवित्र सावन मास 59 दिवसीय हो गया है। यह शुभ संयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है, यह अधिक मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मास कहलाता है, शाखों के अनुसार इस माह में किए गए कोई भी पुण्य, कार्य, पूजा पाठ, दान, जप सेवा का 100 गुना ज्यादा फल प्राप्त होता है।


पवित्र सावन: सोमवार: शिवरात्रि: रक्षाबंधन


प्रथम सोमवार 10 जुलाई 2023
द्वितीय सोमवार 17 जुलाई 2023
तृतीय सोमवार 24 जुलाई 2023
छठवां सोमवार 14 अगस्त 2023
सातवां सोमवार 21 अगस्त 2023
आठवी सोमवार 28 अगस्त 2023
चतुर्थ सोमवार 31 जुलाई 2023
शिवरात्रि 15 जुलाई 2023
पांचवां सोमवार 07 अगस्त 2023
रक्षाबंधन 31 अगस्त 2023


विशेष: किससे भगवान शिव का अभिषेक करने से क्या-क्या फल मिलता है।

  1. दूध से: सुख शांति पुत्र
  2. दही से: वाहन प्राप्ति
    3.घी से: मकान प्राप्ति, वंश विस्तार
  3. अनार रस: शीघ्र विवाह हेतु
  4. कुशा जल: रोग शांति हेतु
  5. लक्ष्मी व्यापार वृद्धि
  6. पंचामृत से: मनोकामना पूर्ति हेतु
  7. नारियल जल: जादू टोना, शत्रु बाधा हेतु शांति