Wrestlers Protest: बृजभूषण के खिलाफ अब सड़कों पर नहीं कोर्ट में लड़ेंगे, पहलवानों ने कहा- संघर्ष करते रहेंगे

नईदिल्ली : बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामले में अब एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। पहलवानों का कहना है कि वे सिंह खिलाफ अब सड़कों पर नहीं अदालत में लड़ेंगे।

सोशल मीडिया से दूर हुए साक्षी-विनेश
रविवार को पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने ट्वीट किया, जो एक समान थे। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि सरकार ने सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का आश्वासन दिया था, जो उन्होंने पूरा किया। मामले में पहलवानों के खिलाफ हम तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता। लेकिन अब यह लड़ाई हम अदालत में लड़ेंगे। सड़कों पर नहीं। सरकार ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था, जिसका हम इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, ट्वीट करने के कुछ मिनट बाद ही विनेश और साक्षी ने एक और पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अब कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाएंगी।

बताया क्यों शांत है पहलवान
सोशल मीडिया पर शनिवार को विनेश, साक्षी और बजरंग एक साथ लाइव आए थे। इस दौरान उन्होंने एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने के आईओए एड-हॉट पैनल के फैसले पर सवाल करने के लिए पूर्व पहलवान और भाजपा नेता योगेश्वर दत्त पर निशाना साधा था। दत्त अपने स्वार्थ के लिए हमें निशाना बना रहे हैं। चालिस मिनट चले लाइव के दौरान उन्होंने कहा कि लोग हमसे पूछते हैं कि हम चुप क्यों हैं। हम उन्हें बताना चाहेंगे कि 15 जून तक का समय दिया गया था। सिंह के खिलाफ दर्ज हुए आरोप पत्र के मूल्यांकन के बाद विचार करेंगे कि कैसे लड़ाई जारी रखें। सिंह के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। हम चाहे मैट पर लड़े या फिर मैट के बाहर लेकिन न्याय लेकर रहेंगे।

दत्त पर भी साधा निशाना
लाइव में उन्होंने कहा कि सिंह को जब तक पापों की सजा नहीं मिल जाती, तब तक हम संघर्ष करेंगे। हम आरोप पत्र के प्रति का इंतजार कर रहे हैं। आरोप पत्र का मूल्यांकन करेंगे कि क्या यह न्याय के लिए काफी है। हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। विनेश ने कहा कि दत्त ने पहलवानों को धमकाया है। इसलिए दूसरे विरोध प्रदर्शन में वे नहीं आए। उन्हें कहा गया कि वह अपनी नौकरी खो देंगे। दत्त पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमें ऐसा लग रहा है कि बृजभूषण ने शायद उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद की पेशकश की हो। इसलिए सिर्फ कुर्सी की लालच में वे उनका साथ दे रहे हैं।