Karisma Kapoor Birthday Special: कैसे पड़ा करिश्मा कपूर का नाम ‘लोलो’, बड़ी मजेदार है इसके के पीछे की कहानी

Karishma Kapoor Birthday Special: नीली आंखें, मासूम लुक और अपनी प्यारी सी मुस्कान से 90 के दशक में हर किसी को करिश्मा कपूर ने दीवाना बनाया था। 17 साल की कम उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वालीं करिश्मा कपूर ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दीं।

दिल तो पागल है, राजा हिंदुस्तानी, अंदाज अपना-अपना या फिर हम साथ-साथ है, उनकी फिल्में आज भी जब टीवी पर आती हैं, तो लोग उसे बड़े चाव से देखते हैं। 25 जून 1974 में जन्मीं करिश्मा कपूर अपना 50वां जन्मदिन मना रही हैं। उनके फिल्मी करियर और नेटवर्थ के बारे में तो आप जानते हैं, लेकिन सबकी चहेती करिश्मा कपूर का नाम ‘लोलो’ कैसे पड़ा, आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको उसकी दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं।

कैसे करिश्मा कपूर का नाम पड़ा ‘लोलो’

एक्ट्रेस को भले ही फैंस ‘करिश्मा’ के नाम से जानते हों, लेकिन उनके परिवार के साथ-साथ इंडस्ट्री भी उन्हें प्यार से ‘लोलो’ बुलाती है। चलिए आपको बताते हैं कि सबकी पसंदीदा अभिनेत्री का नाम ‘लोलो’ कैसे पड़ा। रिपोर्ट्स की मानें तो करिश्मा कपूर की मां बबीता कपूर हॉलीवुड एक्ट्रेस जीना लोलोब्रिगिडा की बहुत बड़ी फैन रही हैं। उनसे ही इंस्पायर होकर उन्होंने बड़ी बेटी करिश्मा कपूर को ‘लोलो’ निकनेम दिया था।

परिवार की परंपरा तोड़कर करिश्मा ने की थी करियर की शुरुआत

करिश्मा कपूर ने इंडस्ट्री में अभिनेत्री के तौर पर काम करने के लिए सिर्फ अपनी पढ़ाई ही नहीं छोड़ी थी, बल्कि उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। रिपोर्ट्स की मानें तो कपूर खानदान में लड़कियों का इंडस्ट्री में काम करने का रिवाज नहीं था।

लेकिन अपनी मां बबीता के सपोर्ट से करिश्मा ने सिर्फ इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत ही नहीं की, बल्कि उन्होंने खुद को इंडस्ट्री में साबित भी किया। करिश्मा कपूर ने साल 1991 में ‘प्रेम कैदी’ से अपनी शुरुआत की थी। उनकी पहली ही फिल्म सुपरहिट रही। हालांकि, इस फिल्म के बाद उन्होंने कई फ्लॉप फिल्में दीं। साल 1996 में आई ‘राजा हिंदुस्तानी’ करिश्मा कपूर के करियर में मील का पत्थर साबित हुई।

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