बड़े मंदिर मे मनाया गया आचार्य विद्यासागर का 56 वां दीक्षा दिवस

रायपुर । आचार्य विद्यासागर महामुनिराज का 56 वां मुनि दीक्षा दिवस आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पंचायत ट्रस्ट मे भक्तिभाव सें मनाया गया। शुक्रवार आज प्रातः काल मंदिर मे शांतिधारा नित्य अभिषेक एवं पूजन के पश्चात महाअर्घ श्रीफल चढ़ाया कर आरती की गयी। इसम प्रमुख रूप सें श्रेयश जैन प्रवीण जैन सुजीत जैन दिलीप जैन प्रणीत जैन कृष जैन अक्षत जैन उपस्थित थे। साथ ही आज सेवार्थ नि:शुल्क भोजन योजना भैरव सोसायटी में स्थित निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती मरीजों एवं परिजनों के सेवार्थ हीरसूरी भवन में आयंबिलशाला विमलनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट,भैरव सोसाइटी रायपुर द्वारा जैन भोजनशाला के ” भोजन योजना” के अंतर्गत 200 से अधिक लोगों को ट्रस्ट कमेटी की ओर से  निःशुल्क भोजन वितरण कराया गया। इसमें मनीष जैन चूडी वाले, लोकेश जैन, श्रेयस जैन ,प्रणीत जैन, प्रवीण जैन ,विजय जैन ने सहयोग दिया। यह जानकारी सचिव राजेश रज्जन जैन ने दी।



ट्रस्ट कमेटी के उपाध्यक्ष श्रेयश जैन (बालू ) एवं मीडिया प्रभारी प्रणीत जैन ने बताया की बड़े हर्ष की बात है की आचार्य विद्यासागर महाराज का 2023 का चातुर्मास पावन वर्षायोग वर्तमान मे छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थंस्थल पर हो रहा है। आचार्य अभी वही विराजमान है। आचार्य विद्यासागर महामुनिराज आज इस धरती पर चलते फिरते भगवान के समान अपनी चर्या का पालन कर अपना मोक्ष मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। अनियत विहारी संत है जो कि बिना बताए ही अपना विहार करते हैं। आजीवन नमक, शकर, हरी सब्जियां,आदि वस्तुओं का त्याग कर चुके हैं। आज से 56 वर्ष पूर्व आचार्य ज्ञान सागर ने सन 1968 में ब्रम्हचारी विद्याधर को राजस्थान के अजमेर नगर में आषाढ़ शुक्ल पंचमी को मुनि दीक्षा दी गई थी। उसके बाद से ही मुनि विद्यासागर ने अपनी मुनि चर्या में अपने कर्तव्यों का निरतिचार पालन किया और आज पूरा विश्व उनका गुणगान कर रहा है। आज सैकड़ों ब्रम्हचारी भी एवं ब्रम्हचारिणी बहनों ने आजीवन ब्रम्हचर्य का नियम ले रखा है। ऐसे गुरु का जितना उपकार हम सभी पर है उसकी महिमा कैसे बताए हम आज इस दीक्षा दिवस में अवसर पर आप सभी भी आचार्य के कहे हुए मार्ग पर चलकर अपना जीवन धन्य करें, आपके पवित्र कर कमलों से अभी तक 130 मुनि दीक्षा, 172 आर्यिका दिवस, 56 ऐलक दीक्षा, 64 क्षुल्लक दीक्षा एवं 3 क्षुल्लक दीक्षा दीक्षा हो चुकी है। वर्तमान में विराट संघ है। आपके योग्य चर्या से प्रभावित होकर 1000 से अधिक युवक-युवतियों ने ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया है,ये सभी भाई-बहन उच्च शिक्षा एवं समृद्ध परिवार से हैं। तीर्थंकर जैसे परम उपकारी भावना के कारण भूत लोक कल्याण की भावना से अनुप्राणित आपने अपने लोकोपकारी कार्यकलापों को अपनी प्रेरणा और आशीर्वाद प्रदान किया। जैसे जीवदया के क्षेत्र में संपूर्ण भारत वर्ष में संचालित गौ शालाएं, चिकित्सा क्षेत्र में भाग्योदय चिकित्सा सागर, शिक्षा क्षेत्र में-प्रतिभा स्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ जबलपुर (म.प्र.) डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) एवं रामटेक (महाराष्ट्र), शांतिधारा दुग्ध योजना बीना बारहा, पूरी मैत्री, हथकरघा आदि लोक कल्याण कारी संस्थाएं आपका आशीर्वाद ही सुफल है।