कवर्धा , 22 जून । कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देशन पर जिले में बाल विवाह के पूर्ण रोकथाम एवं बच्चों के संरक्षण के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग के नेतृत्व में जिला विकासखण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है। जिले के प्रत्येक परियोजना में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त है, साथ ही बाल संरक्षण की भी इस तरह के आयोजन पर पैनी नजर बनाये हुए है।
जिले के थाना पिपरिया अंतर्गत एक गांव में नाबालिग बालिका का विवाह कराए जाने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई पुलिस विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए बाल विवाह होने के पहले ही नाबालिग के घर संयुक्त रूप पहुंचकर बालिका की उम्र संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण किया। जिसके अनुसार बालिका की आयु लगभग 17 वर्ष पाई गई। जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार विवाह योग्य उम्र से कम है।
जिला प्रशासन की टीम ने नाबालिक बालिका के विवाह योग्य उम्र 18 वर्ष होने के पश्चात ही विवाह करने के लिए बालिका एवं उनके परिजनो को समझाइस देते हुए नाबालिक बालिका व उनके परिवार एवं स्थल पर उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए कम उम्र में विवाह होने से बालिका बालक के भविष्य एवं दाम्पत्य जीवन में आने वाले विभिन्न परेषानियों व समास्याओं के बारे में बताया साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
जिला प्रशासन के संयुक्त टीम ने मौके पर बताया कि 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना हो 1 लाख रूपये तक हो सकता है या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा नाबालिक के परिवार जनो को काफी देर समझाने के बाद मौके पर पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रोका गया।
इस कार्यवाही के दौरान सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमती सरिता झा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं बाल विकास सेवा परियोजना अधिकारी दशरंगपुर, श्रीमती बसंती यादव पर्यवेक्षक, सुश्री क्रांति साहू संरक्षण अधिकारी, अविनाष ठाकुर परामर्षदाता, विनय जंघेल आउटरिच वर्कर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, लक्ष्मीनारायण मोहले प्रधान आरक्षक, योगेन्द्र वर्मा आरक्षक पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई विशेष किशोर पुलिस इकाई के अधिकारी कर्मचारी ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारी एवं ग्रामीणजनो का विषेष योगदान रहा।
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