कोरबा कलेक्टर Sanjeev Kumar Jha ने नियमितीकरण के 271 प्रकरणों को दी स्वीकृति


अनियमित विकास के नियमितीकरण योजना का लाभ उठाने कलेक्टर ने की लोगों से अपील
जिला नियमितीकरण प्राधिकार समिति की बैठक कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न


कोरबा 22 जून 2023/कलेक्टर कक्ष में आज कलेक्टर एवं जिला नियमितीकरण प्राधिकारी संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में नियमितीकरण प्राधिकार समिति की बैठक आयोजित हुई। उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक उदय किरण, नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


बैठक में कलेक्टर श्री संजीव झा ने निवेश क्षेत्र के प्रकरणों व नियमितीकरण के नियमानुसार कार्यवाही पर विस्तृत जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। उन्होंने नियमितीकरण हेतु आज प्रस्तुत 271 प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की। जिसमें 210 प्रकरण नगर निगम कोरबा एवं 01 प्रकरण नगर पालिका परिषद दीपका अंतर्गत शामिल है। इस हेतु कुल शास्ति राशि 2 करोड़ 46 लाख 23 हजार 731 रुपए अधिरोपित किए गए है। जिले में अब तक नियमितीकरण के 1554 प्रकरणों पर स्वीकृत प्रदान की जा चुकी है। इन सभी प्रकरणों में शास्ति के रूप में 12 करोड़ 76 लाख 51 हजार रूपये से अधिक की राशि अधिरोपित की गई है।

नियमितीकरण का लाभ लेने कलेक्टर ने की अपील:-


कलेक्टर संजीव कुमार झा ने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि शासन द्वारा अनियमित विकास व निर्माण के नियमितीकरण का विकल्प लोगों के हित में प्रदान किया गया है। अतः शासन की इस योजना का एवं दिए गए विकल्प का लाभ उठाएं तथा किए गए अनियमित निर्माण व विकास का नियमितीकरण कराएं। इसके लिए संबंधित मकान मालिकों को निर्धारित प्रारूप में संबंधित नगरीय निकायों एवं नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा।


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में अनियमित निर्माण कार्यों को नियमित कराने के लिए नियमों में पारदर्शिता लाने हेतु सरलीकरण किया गया है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम में संशोधन किया गया है। संशोधित अधिनियम, 2022 छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह पूरे प्रदेश में प्रभावशाली हो गया है। नियम प्रकाशित होने के बाद अब नए नियमों के तहत आवेदन लिए जा रहे है। इस नए नियम से प्रदेश के नागरिकों को राहत मिल रही है और वे आसानी से निर्माण कार्यों को नियमित कराने हेतु आवेदन कर रहे है। साथ ही प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा मापदंड निर्धारित किया गया है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]