Cyclone Biparjoy: गुजरात के बाद इस राज्य की ओर बढ़ा खतरनाक बिपरजॉय, भारी बारिश की चेतावनी

नईदिल्ली।अरब सागर में 10 दिनों तक छाए रहने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह से टकरा गया। चक्रवात के कारण कच्छ और सौराष्ट्र तटों के आसपास तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई।

मौसम विभाग के अनुसार, बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय देर रात ढाई बजे नलिया से 30 किमी उत्तर में सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर केंद्रित था। आज इसके उत्तर-पूर्व में बढ़ने की संभावना है। वहीं, तूफान की थोड़ी धीमी गति हो सकती है। हालांकि, शाम तक राजस्थान की ओर बढ़ जाने की उम्मीद है।  

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि टकराने के बाद बेहद खतरनाक चक्रवात बिपरजॉय अब खतरनाक ही रह गया है। महापात्र ने बताया कि चक्रवात अब समुद्र से जमीन की ओर बढ़ गया है और सौराष्ट्र-कच्छ की ओर केंद्रित है। चक्रवात की तीव्रता घटकर 105-115 किमी प्रति घंटा हो गई है।

गुजरात के कई शहरों में तेज हवा और बारिश की वजह से तबाही के मंजर दिखाई दे रहे हैं. कच्छ, जामनगर और द्वारका में तेज हवा और बारिश की वजह से सड़कों पर कई पेड़ और होर्डिंग्स टूट कर बिखर रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने समय रहते सारी तैयारियां कर ली थी इस वजह से इस आफत से फिलहाल किसी अनहोनी की खबर सामने नहीं आ रही है.

बता दें कि मौसम विभाग की ओर से 6 जून को इस तूफान का अंदेशा बताया गया था, जिसके बाद संभावित इलाकों से लोगों को बाहर किया गया और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन ने इन इलाकों में रहने वाले करीब 74 हजार लोगों को सुरक्षित शेल्टर्स में पहुंचाया है. वहीं प्रशासन की ओर से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए और भी तैयारियां की हुई हैं जिनमें एयरक्राफ्ट से लेकर शिप्स तक यहां पर तत्काल रेस्क्यू के लिए तैनात किए गए हैं.

गुजरात के भुज में करीब 200 बिजली खंभे गिर चुके हैं. यहां के 6 इलाकों के बिजली उपकेंद्र पूरी तरह से ठप पड़े हैं. 15 से ज्यादा वाटरवर्क्स सेंटर्स पर दिक्कतें सामने आ रही हैं. रास्तों पर यहां करीब 200 पेड़ गिरे हुए हैं. इतना होने के बावजूद भी प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और वह लगातार इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि जितना हो सके उतना कम से कम नुकसान हो. न सिर्फ भुज में बल्कि यही हालात द्वारका, कच्छ, जामनगर और अन्य शहरों में भी है.

चक्रवात तूफान की वजह से गिर-सोमनाथ समुद्र में 15-20 फीट ऊंची लहरें उठ रही है। वहीं, सूरत के सुनवाली समुद्र में 10 से 12 फीट ऊंची लहरें उठ रही है। फिलहाल हवा 30 से 36 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है।

115-125 के बीच रफ्तार

मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक साइक्लोन की रफ्तार फिलहाल 115 किलोमीटर प्रति घंटे से 125 के बीच ही है. हालांकि इससे पहले मौसम विभाग ने इसकी लैंडफॉल के साथ 140-150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान लगाया था. मौसम विभाग ने बताया है कि गुजरात और महाराष्ट्र में इस तूफान की वजह से असर दिखाई दे रहा है. इसके अलावा समुद्री तटों से सटे राज्यों में भी इसका असर होगा. राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी इसका असर दिखाई देगा. बताया जा रहा है कि 16 जून और कुछ हिस्सों में 17 जून तक इस तूफान का असर बना रहेगा. इस दौरान प्रभावित इलाकों में तेज बारिश और हवाओं की आशंका बनी रही है.

राजस्थान में भी प्रशासन अलर्ट

राजस्थानी सीएम अशोक गहलोत ने भी इस पूरे मामले में अधिकारियों के साथ बैठक की है. उन्होंने कहा है कि सारी टीमों को अलर्ट पर किया गया है. वहीं आपदा प्रबंधन के सभी संबंधित अधिकारी मौके पर तैनात हैं. राज्य सरकार की ओर से लोगों के लिए चेतावनी और निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि वह चक्रवात पर नजर रख रहे हैं. बता दें कि राजस्थान में कुछ जगहों पर चक्रवात का असर देखने को मिल रहा है.

गुजरात के दूसरे शहरों से बुलाई गई दमकल गाड़ियां

गुजरात के द्वारका में फायर ब्रिग्रेड की तीन टीमें तैनात की गई हैं, यह सभी टीमें सूरत, नाडियाड और धओडका से आई हैं. एक पहले से द्वारका में मौजूद है. एक अतिरिक्त टीम को ओखा भेजा गया है. ये सभी टीमें सड़क पर गिरे हुए पेड़ो को तुरंत हटाने का काम करेगी. बता दें कि यह रेस्क्यू टीम तूफान के बीच भी काम कर रही है. द्वारका शहर में 100 से अधिक पेड़ गिरने की खबर सामने आ रही है.

99 ट्रेनें कैंसल

साइक्लोन बिपरजॉय की वजह से गुजरात में कई स्टेशनों पर ट्रेनों का आवागमन भी बंद किया गया है. रेलवे की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार बिपरजॉय की वजह से 99 ट्रेनों को कैंसल किया गया है.