आम रास्ते पर प्रवेश द्वार बनाकर बेजा कब्जा का आरोप लगाया गया है। मामले में बुधवार को एक पत्रकारवार्ता में शहर के शुभ्रा दत्ता व अन्य ने आरोप लगाया कि नगर व ग्राम निवेश और पटवारी के नजरी नक्शे मे दर्शाए गए रास्ते को सार्वजनिक बताकर बेजा कब्जा करने पर कार्रवाई करने में शासन प्रशासन के हाथ कांप रहे हैं।
उन्होंने बताया कि महालक्ष्मी मार्केट के मालिकों की दबंगई के चलते 300 प्लाट के मालिक भी परेशान हैं। पीडित शुभ्रा ने बताया कि उनके स्वामित्व की 9 एकड़ 74 डिसमिल की जगह में उनके रास्ते की 59 डिसमिल की जगह इस शर्त पर एग्रीमेंट पर जगदलपुर निवासी रशीद अली को बेची गई थी जिसके इकरार नामे में बाउंड्री वाल और गेट का निर्माण नहीं करना था।
यह निजी आवागमन की जगह उनके तथा सभी के लिए आवागमन के लिए रहेगी। इस पर कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। इस शर्त पर बिक्री हुई थी। वहां पर हो रहे गेट निर्माण और बाउंड्रीवॉल निर्माण को रोकने की मांग की गई है। शुभ्रा ने बताया कि नंदई वार्ड के खसरा नंबर 207/1 से जुड़कर खसरा नंबर 207/3 एवं 207/4 का 7 डिसमिल के दो टुकड़े डबल रोड की जमीन बेची गई थी।
2021 के सीमांकन रिपोर्ट पर तहसीलदार द्वारा डबल रास्ते का मार्ग दर्शाया गया है और वही तहसीलदार अभी खारिज कर दिया है। इनके लेआउट में नगर निगम में और न ही नगर निवेश में गेट दर्शाया गया है।
वहां पर महालक्ष्मी मार्केट के पीछे लगभग 300 प्लाट मे जाने का रास्ता है, जिसका उल्लेख नगर व ग्राम निवेश और पटवारी के नजरी नक्शा में और कलर्स ग्रुप जिसने ये प्लाट बेचे है उसके ब्रोशर में भी है। प्लाट मालिक शुभ्रा दत्ता और हरजीत भाटिया एवं अन्य लोगों द्वारा प्रशासन स्तर पर शिकायत की जा रही है। पीड़ितों ने कहा कि जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलेगा हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
[metaslider id="347522"]