NEET के छत्तीसगढ़ टॉपर्स का पेरेंट्स को मैसेज:कहा – मल्टीपल ड्रॉप लेने वाले बच्चों को मेंटल प्रेशर से बचाएं, करियर के दूसरे ऑप्शन्स तलाशें

NEET के रिजल्ट में रायपुर के सारांश पटेल ने छत्तीसगढ़ में टॉपर किया है। आस्था सचदेव भी छत्तीसगढ़ के टॉपरों में जगह बनाई हैं। दोनों ही टॉपर्स ने कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को मैसेज दिया है कि मल्टीपल ड्रॉप लेने वाले स्टूडेंट्स को मेंटल प्रेशर या डिप्रेशन से बचाना जरूरी होता है। क्योंकि अगर तनाव कम होगा तभी स्टूडेंट अच्छी तरह से फोकस कर पाएगा।

NEET के रिजल्ट्स में सारांश को कुल 690 अंक मिले हैं और उनकी ऑल इंडिया में 824वीं रैंक है। उन्होंने पहले ही राउंड में NEET क्लियर किया है। इस साल छत्तीसगढ़ से 42 हजार 130 स्टूडेंट्स नीट के लिए रजिस्टर्ड थे। जिनमें से 41 हजार 196 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इनमें 17 हजार 610 स्टूडेंट्स क्वालिफाइड हुए हैं।

12वीं के साथ करनी चाहिए तैयारी…
सारांश पटेल को कोचिंग के साथ ही उनके पिता शंकर लाल पटेल और भाई सानिध्य पटेल से भी पढ़ाई में मदद मिली है। सारांश ने बताया कि स्टडी में पिता का सहयोग मिला है। और भाई ने फिजिक्स और केमिस्ट्री में मदद की है। सारांश के पिता रेलवे में इंजीनियर हैं और भाई सानिध्य एनआईटी के आईटी ब्रांच से इंजीनियरिंग कर रहा है। उन्होंने बताया, रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई का टारगेट लेकर वे चल रहे थे। इस दौरान उनकी मां शशि पटेल उनको मोटिवेट करती रहीं।

स्टूडेंट्स के लिए टिप्स

  • फ्रेशर्स को बोर्ड के साथ नीट की भी तैयारी करनी चाहिए। दोनों सिलेबस लगभग समान होते हैं।
  • सब्जेक्ट्स की मल्टिपल रिवीजन होना चाहिए।
  • मॉक टेस्ट देते रहना चाहिए।

सारांश ने ये मैसेज पेरेंट्स के लिए दिया है। उनका कहना है कि कई बार मल्टीपल ड्रॉप के दौरान बच्चों पर मां-बाप बहुत ज्यादा प्रेशर डालते हैं, और इस वजह से कई बार छात्रों ने सुसाइड तक किया है। उन्होंने कहा, ड्रॉप के दौरान ये तय कर लें कि जो भी नतीजे हो। मानसिक तनाव नहीं लेना है। इसके साथ ही करियर के दूसरे ऑप्शन भी तैयार रखने चाहिए ताकि कोई दिक्कत न हो।

पिता ने किया बायो लेने के लिए मोटिवेट, अब बेटी बनेगी डॉक्टर
रायपुर की आस्था सचदेव का स्कोर 653 है। आस्था ने बताया कि उनको बायो लेने के लिए पिता ने मोटिवेट किया और उनके पिता के साथ वे भी चाहती थी कि डॉक्टर बनें इसलिए कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी पर भी ध्यान दिया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ अपने कोचिंग टीचर्स को दिया है। आस्था ने बताया कि उन्हें देर रात जागकर पढ़ने से अच्छा सुबह जल्दी उठकर स्टडी करना ज्यादा पसंद है इसलिए रोजाना सुबह जल्दी उठाने का काम उनकी मम्मी संगीता सचदेव किया करती थी। ये उनका ड्राप ईयर के बाद दूसरा अटेम्प्ट था और पिछली बार सिलेक्शन नहीं होने पर भी बिना निराश हुए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी।


स्टूडेंट्स के लिए टिप्स

  • एनसीआरटी की बुक अच्छे से पढ़नी चाहिए।
  • रिवीजन जितनी बार हो उतना ज्यादा अच्छा।
  • मॉक टेस्ट देने के बाद पेपर का एनालिसिस जरुर करना चाहिए।
  • रोजाना 7-8 घंटे पढ़ाई का टारगेट बनाकर चलें।

सारांश की तरह आस्था ने भी पेरेंट्स के लिए मैसेज दिया है कि पढ़ाई का इतना तनाव न दें कि स्टूडेंट तनाव में आ जाए। अपने बच्चे को मेंटल प्रेशर से बचाएं। परफॉर्मेंस का प्रेशर कई मायनों में सही नहीं है। केवल एक कॉम्पिटिटिव एग्जाम पूरा करियर नहीं है इसलिए दिमाग खुला रखें और इस फील्ड में करियर ऑप्शन के बढ़े दायरे के बारे में जानकारी लें।