दिल्ली। दिल्ली की कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की पुलिस कस्टडी 14 जून तक बढ़ा दी है. वहीं दिल्ली जेल प्रशाशन ने साफ कर दिया है कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर गैंगस्टर की कस्टडी पूरी होने पर उसे शहर की किसी भी जेल में न रखा जाए. यही कारण है कि जेल प्रशासन मांग कर रहा है कि लॉरेंस को दिल्ली की किसी भी जेल में न रखकर सीधे पंजाब की जेल में भेज दिया जाएगा. इसके लिए बाकायदा दिल्ली जेल प्रशासन ने कोर्ट में एप्लिकेशन लगाई है. इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने भी गैंगस्टर की कस्टडी पूरी होने के बाद उसे भटिंडा जेल को सुपुर्द करने को कहा है.
दरअसल, लॉरेंस बिश्नोई काफी समय से बठिंडा सेंट्रल जेल में बंद था. यहां से उसे गुजरात पुलिस ने एक आपराधिक मामले की जांच के लिए हिरासत में लिया था और गुजरात की साबरमती जेल लेकर आई थी. यहीं से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक मामले को लेकर मई के आखिरी हफ्ते में ही लॉरेंस को कस्टडी में लिया था और दिल्ली लेकर आई थी. कोर्ट ने गैंगस्टर को रिमांड पर भेज दिया था. रविवार 11 जून को लॉरेंस को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने पुलिस की मांग मानते हुए 14 जून तक कस्टडी बढ़ा दी है. साथ ही दिल्ली जेल प्रशासन की उस मांग को भी मान लिया जिसमें कहा गया था कि गैंगस्टर की कस्टडी पूरी होने पर उसे सीधा भटिंडा जेल के सुपुर्द कर दिया जाए. कोर्ट ने इस बीच सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रखने के आदेश भी दिए हैं.
दिल्ली पुलिस ने अपने एप्लीकेशन में लिखा था कि लारेंस बिश्नोई के दिल्ली के जेल में रहने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. लॉरेंस को बठिंडा जेल से ही पहले NIA ने रिमांड पर लिया, उसके बाद गुजरात पुलिस ने और अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने कस्टडी में लिया हुआ है. लिहाजा जिस जेल से एजेंसियों ने बिश्नोई को कस्टडी में लिया था, सीधा उसी जेल में भेजा जाए, न की दिल्ली की जेल में. दिल्ली की मंडोली जेल में उसको भेजने का मतलब नहीं बनता. यहां लॉरेंस की जान को खतरा भी हो सकता है. जेल में क्राइम सिंडिकेट से जुड़े उसके लोग और विरोधी गैंग के लोग बंद हैं.
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