Jagannath Rath Yatra 2023: मौसी के घर गुंडिचा मन्दिर क्यों जाते हैं भगवान जगन्नाथ? जानिए इससे जुड़ी मान्यता…

Jagannath Rath Yatra 2023: भारत में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का विशेष महत्व है। रथ यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर यात्रा पर निकलते हैं और कुछ दिनों के लिए मुख्य मंदिर के निकट स्तिथि गुंडिचा देवी मंदिर में विश्राम करते हैं।

बता दें कि गुंडिचा देवी को भगवान जगन्नाथ की मौसी के रूप में पूजा जाता है और रथ यात्रा के बाद कुछ दिनों तक भगवान जगन्नाथ अपने मौसी के घर रहते है। आइए जानते हैं, क्यों भगवान जाते हैं अपने मौसी के घर और क्या है इससे जुड़ी मान्यता?

भगवान जगन्नाथ की मौसी गुंडिचा देवी कौन हैं?

इतिहासकारों के अनुसार, मुख्य मन्दिर के निर्माता की रानी का नाम गुंडिचा था और उन्हें ही प्रभु जगन्नाथ की मौसी माना जाने लगा। यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ का स्वागत अपने मौसी के घर धूमधाम से किया जाता है और उन्हें यहां कई प्रकार के भोग चढ़ाए जाते हैं। यहां जगन्नाथ भगवान, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की सेवा की जाती है और 9 दिनों के बाद तीनों पुनः यात्रा अपने घर की ओर निकल पड़ते हैं।

वर्ष 2023 में कब है जगन्नाथ रथ यात्रा?

ओडिशा के पुरी समेत देशभर में भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन धूमधाम से निकली जाती है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष रथ यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन निकाली जाएगी। धर्माचार्यों ने रथ यात्रा का समय रात्रि 10 बजकर 04 मिनट निर्धारित किया है और यात्रा का समापन 21 जून को शाम 07 बजकर 09 मिनट पर गुंडिचा मन्दिर में पहुंचकर किया जाएगा।

जानिए क्या है जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व?

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा धूमधाम से और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच निकाली जाती हैं। मान्यता है कि इस अवधि में भगवान जगन्नाथ की उपासना या दर्शन करने से साधक के सभी दुःख दूर हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।