नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण मामले में दिल्ली पुलिस जल्द कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।
सूत्रों की माने तो अब तक की जांच से दिल्ली पुलिस को कोई ठोस सुबूत नहीं मिलने पर पुलिस कभी भी अचानक केस बंद करने को लेकर कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट फाइल कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तब आरोपित बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिल जाएगी। वहीं, पीड़ित महिला पहलवानों को बड़ा झटका लग सकता है।
बड़ा निर्णय लेने वाली है दिल्ली पुलिस
पांच दिनों से इस मामले में दिल्ली पुलिस की चुप्पी से माना जा रहा है कि पुलिस जल्द कोई बड़ा निर्णय लेने जा रही है। तभी जांच संबंधी तथ्यों को अत्यंत गोपनीय रखा जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई ऐसी जानकारी पहलवानों को न मिल जाए जिससे वे फिर से आंदोलन तेज कर सकें और पुलिस अपनी रणनीति में पिट जाए।
मुख्यालय सूत्रों की मानें तो जिस महिला पहलवान ने खुद काे नाबालिग बताकर बृजभूषण के खिलाफ पाक्सो के तहत मुकदमा दर्ज कराया था उसके रोहतक स्कूल के जन्म प्रमाण से बालिग होने की पुष्टि हो गई है। इसकी भी अधिकारिक तौर पर दिल्ली पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है। उधर इस मामले को लेेकर पीड़िता के पिता ने मीडिया को जारी बयान में नाबालिग होने का ही दावा किया है। पीड़िता के स्वजन के बीच इस बात को लेकर रोहतक में विवाद खड़ा हो गया है।
पीड़िता ने बदले अपने बयान
सूत्रों की मानें तो पीड़िता के बालिग होने का पता चलने पर पुलिस ने पीड़िता को काफी समझाने की कोशिश की कि वे पारिवारिक विवाद में न पड़े। झूठा आरोप लगाने पर उसके खिलाफ मुकदमा भी हो सकता है, जिसके बाद पीड़िता कोर्ट में धारा 164 के तहत दोबारा बयान देकर केस वापस लेने के लिए तैयार हो गई।
इसी के बाद पांच दिन पहले गोपनीय तरीके से राउज एवेन्यू कोर्ट में पुलिस ने दोबारा बयान दर्ज करवा दिया। बयान में उसने अपने आरोपों को वापस ले लिया। इसकी भी दिल्ली पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है। धारा 164 के तहत पुलिस ने सभी सातों महिला पहलवानों का कोर्ट में बयान दर्ज करवा दिया था। कोई पीड़िता अगर बयान वापस लेना चाहती है तब पुलिस को यह अधिकार है कि वह धारा 164 के तहत दोबारा या उससे अधिक बार भी बयान करा सकती है।
बृजभूषण के लिए बड़ी राहत
बृजभूषण मामले में दाे एफआईआर हुई है। छह बालिग पहलवानों की शिकायतों पर एक एफआईआर व एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दूसरी एफआईआर हुई है। पॉक्सो वाले मुकदमे में पीड़िता के केस वापस ले लेने पर आरोपित को बड़ी राहत मिल सकती है। बालिगों द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच में भी पुलिस को कई ठोस सुबूत नहीं मिला है।सूत्रों की मानें तो सोमवार को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के गोंडा स्थित घर जाकर 12 सदस्यों के बयान दर्ज किए। इसको लेकर भी पूछने पर दिल्ली पुलिस के सभी अधिकारी चुप्पी साधे रहे।
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