बीजापुर। शनिवार की रात एक सड़क हादसे में एक दंपती की मौत हो जाने में बाद आदिवासी परधान समाज ने आरोपी पर कार्यवाई की मांग को लेकर जिला अस्पताल का घेराव कर दिया। साथ ही आक्रोशित समाज के लोगो ने सिविल सर्जन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अस्पताल के सामने प्रदर्शन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
शनिवार की रात एक सड़क हादसे में एक दंपती की मौत हो जाने में बाद आदिवासी परधान समाज ने आरोपी पर कार्यवाई की मांग को लेकर जिला अस्पताल का घेराव कर दिया। साथ ही आक्रोशित समाज के लोगो ने सिविल सर्जन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अस्पताल के सामने प्रदर्शन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम दुगोली निवासी दंपती गणपत सकनी और उनकी पत्नी कांता सकनी अपने किसी निजी काम से बीजापुर आये हुए थे। यहां से वे रात करीब 7 बजे वापस दुगोली लौट रहे थे। इसी दौरान एजुकेशन सिटी के पास जीव्हीआर पेट्रोल पंप के सामने टाटा जेस्ट कार क्रमांक सीजी 27 ए 3153 ने स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी जिससे स्कूटी सवार गणपत सकनी व उनकी पत्नी कांता सकनी को गंभीर चोट लगने से उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन दोनों की यहां मौत हो गई।
दंपती की मौत की खबर के बाद आक्रोशित आदिवासी परधान समाज के महिला पुरुष व युवकों ने बड़ी संख्या में आकर जिला अस्पताल का घेराव कर दिया और आरोपी पर कार्यवाई की मांग को लेकर सिविल सर्जन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए।
तहसीलदार, डीएसपी हेड क्वाटर व थाना प्रभारी मौके पर पहुंचकर समाज के लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। लेकिन समाज के लोग आरोपी पर तत्काल कार्यवाई की मांग पर अड़े रहे। समाज के लोगों का कहना है कि घटना के 3 घंटे बाद भी एफआईआर न करके घटना को दबाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे आक्रोशित होकर समाज ने पीड़ित परिवार को न्याय देने व आरोपी पर कार्यवाई की मांग को लेकर डीएच का घेराव कर दिया।
बताया गया है कि कार चालक जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का बेटा है और घटना के बाद से वह फरार है। समाज के लोगों ने बताया कि गणपत सकनी गुदमा हाई स्कूल में सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत था। वही उनकी पत्नी कान्ता सकनी दुगोली की उपसरपंच थी। दोनों के निधन से परिवार सहित समाज में शोक की लहर दौड़ गई हैं। परधान समाज के राकेश गिरी ने बताया कि एफआईआर करा दी गई है। एसडीएम से बात चल रही हैं। इधर देर रात को खबर लिखे जाने तक समाज के लोग अस्पताल के सामने डटे रहे।
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