सट्टा की वसूली के लिए हुआ मर्डर, हत्या कर शव तालाब में फेंका

दुर्ग ,03 जून  जिले में ऑनलाइन सट्टा एप के रकम की वसूली के लिए सुपारी देकर मर्डर का मामला सामने आया है। मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र का है। यहां ऑनलाइन सट्टा एप चलाने वाले ओम प्रकाश साहू का पहले अपहरण किया गया। उसके बाद उसे इतना मारा गया कि उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद उसके शव को अखलोरडीह तालाब के पास फेंक दिए थे। पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से बच रही है।

छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले माफियाओं को पकड़ने में नाकाम है। इसकी वजह से अब जिले में सट्टा के रकम की वसूली के लिए सुपारी देकर मर्डर होने लगे हैं। दुर्ग के पुरानी भिलाई थाने में कुछ ऐसा ही मामला दो दिन पहले हुआ है। यहां सट्टाखाईवाल ओम प्रकाश साहू (43 साल) निवासी ढौर जामुल की खून से लतपथ लाश मिली है। पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामला सुपारी देकर मर्डर का है। इसलिए पुलिस तीन दिनों से मामले को दबा कर रखे हुए है।

बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश ऑनलाइन सट्टा में 30 लाख रुपए घाटे में चला गया था। उस रकम को वो सट्टा एप के संचालक को लौटा नहीं रहा था। इसके चलते फरीद नगर सुपेला निवासी सद्दाम नाम के आदतन बदमाश को विदेश से 10 लाख रुपए की सुपारी दी गई है। आरोप है कि सद्दाम ने 30 लाख रुपए की वसूली के लिए ओम प्रकाश को पहले किडनैप किया, उसके बाद उसे इतना मारा की उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने उसके शव को भिलाई तीन थाना क्षेत्र के अखलोरडीह तालाब के पास फेंक दिया।



गाड़ी से बांधकर मृतक को फेंका तालाब में
आरोपी इतने शातिर हैं कि उन्होंने ओम प्रकाश की हत्या करने के बाद उसके शव को जीआई तार से उसी की एक्टिवा में बांध दिया था। इसके बाद उसे तालाब के गहरे पानी में फेंक दिया था। पुलिस इस मामले का कभी पता भी नहीं लगा पाती, लेकिन ओम प्रकाश के अपहरण के मामले की जांच करते पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। सख्ती से पूछताछ के दौरान एक आरोपी टूट गया और उसने हत्या की बात को कबूल किया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बीते शुक्रवार की रात शव को तालाब से बाहर निकलवाकर पीएम के लिए भेजा है। जब शव को बाहर निकाला गया तो वो बुरी तरह से सड़ गया था। मछलियों ने शव को खा लिया था।



दुर्ग जेल में मिले आरोपियों ने बनाया था पूरा प्लान
जानकारी के मुताबिक फरीद नगर निवासी सद्दा ऑनलाइन सट्टा के चलते जेल गया था। वहीं रजनीश पाण्डेय हत्या के मामले में पुरानी भिलाई थाना और आशीष तिवारी लूट के अपराध में नंदिनी थाने से जेल गया था। तीनो आरोपी जेल में मिले। वहां उन्होंने ऑन लाइन सट्टा एप के रकम की वसूली का काम करने की योजना बनाई। बताया जा रहा है कि कहां किससे कितनी वसूली करनी है इसके निर्देश इन लोगों को सीधे दुबई से मिल रहे थे। ओम प्रकाश के मामले में भी इन लोगों को 30 लाख की वसूली के एवज में 10 लाख रुपए दिए जाने की बात कही गई थी।



केंद्रीय जेल दुर्ग में खुलेआम चल रहा मोबाइल का खेल
दुर्ग सेंट्रल जेल में लगभग हर बड़े अपराधी और आरोपी के पास मोबाइल फोन है। उनके द्वारा जेल के अंदर बैठे-बैठे भी कई तरह के गैर कानूनी कार्यों को संचालित किया जा रहा है। पूर्व दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव की पीसी में इस बात का खुलासा भी हुआ था कि आरोपी जेल के अंदर बैठकर मोबाइल फोन से स्मैक और शराब जैसे मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं। इतना ही नहीं मथुरा जैसे अपराधियों ने जेल के अंदर का एक वीडियो भी वायरल किया था। इसके बाद भी दुर्ग पुलिस ने न तो अब तक जेल के अंदर का मोबाइल नेटवर्क डंप निकाला और न जेल के अंदर अपराधियों तक मोबाइल की पहुंच को लेकर कोई कार्रवाई की गई है।



रात में उठा लिया था पूरा का पूरा परिवार
इस पूरे मामले को पुलिस दो दिन से दबाने में लगी हुई है। लेकिन जैसे ही ओम प्रकाश की बॉडी मिली ममला फैल गया। पुलिस ने मामले में पूछताछ के लिए सेक्टर 9 के यादव परिवार के घर के सभी लोगों को उठा लिया था। इसके बाद पूछताछ करके देर रात छोड़ा। मामला इतना गंभीर है कि दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा भी अभी कुछ भी नहीं बता रहे हैं। उन्होंने अपहरण कर हत्या की वारदात होने की बात को स्वीकार किया, लेकिन मामले की जानकारी देने से मना कर दिया।