चरवाहा जलीराम गोबर बेचकर कमा रहे हैं हर महीने 3 हजार रुपए

कांकेर ,30 मई । छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से संचालित गोधन न्याय योजना के तहत महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को गौठान में नियमित रूप से रोजगार व आय का जरिया मिला है। नरहरपुर विकासखंड के ग्राम श्रीगुहान के गौठान में महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों की ओर से अपने घर के कामकाज के अलावा खेती बाड़ी के साथ-साथ गौठान में आजीविका संबंधी कार्य भी किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं की ओर से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण के अलावा साग-सब्जी की खेती की जा रही है, तालाब में मछली पालन के साथ बत्तख पालन भी किया जा रहा है। मुर्गी पालन, बकरी पालन व मशरूम उत्पादन के कार्य भी गौठान में किये जा रहे हैं, जिससे महिलाओं को नियमित रूप से आमदनी प्राप्त हो रही है।

गौठान में सब्जी उत्पादन का कार्य करने वाली जय तुलसी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष तापेश्वरी ने बताया कि उनके समूह की महिलाओं की ओर से गौठान में सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है, इससे उन्हें 03 लाख 80 हजार रुपए की आमदनी हुई है। उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती में 01 लाख 20 हजार रुपए की लागत आई थी, 05 लाख 60 हजार रुपए का सब्जी विक्रय किया गया है। ज्योति स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष संतोषी वट्टी ने जानकारी देते हुए बताया कि गौठान में पशुपालकों से 01 लाख 45 हजार 684 किलोग्राम गोबर खरीदा गया, जिससे 220 क्विंटल 82 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया, जिसमें से 200 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट 02 लाख रुपए में विक्रय किया गया। वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से स्व-सहायता समूह को 31 हजार 500 सौ रुपए की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है।

जय मॉ बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिलाओं की ओर से गौठान में मुर्गी पालन का कार्य किया जा रहा है। समूह के अध्यक्ष सरोज वट्टी ने बताया कि अब तक 95 हजार रुपए के मुर्गी व अंडा का विक्रय किया जा चुका है, इस व्यवसाय से समूह की महिलाओं को 48 हजार रुपए की शुद्ध आमदनी हुई है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं की ओर से मछली पालन व बत्तख पालन का भी कार्य किया जा रहा है। जय गंगा स्व-सहायता समूह की ओर से तालाब में मछली पालन किया जा रहा है, अब तक 02 लाख रुपए का मछली बेचा जा चुका है। अध्यक्ष निरोतीन वट्टी ने बताया कि मछली पालन से स्व-सहायता समूह को 80 हजार रुपए की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है।

भवानी स्व-सहायता समूह की महिलाओं की ओर से बत्तख पालन किया जा रहा है, अब तक 55 हजार रुपए के बत्तख बेचे जा चुके हैं। इस व्यवसाय से स्व-सहायता समूह को 30 हजार रुपए की आमदनी हुई है। जय बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह की ओर से गौठान में बकरी पालन का कार्य किया जा रहा है। समूह के अध्यक्ष सरोज वट्टी ने बताया कि अब तक 02 लाख 10 हजार रुपए के बकरी बेच चुके हैं, जिससे 90 हजार रुपए की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है। समूह की महिलाओं की ओर से गौठान में कोदो-कुटकी की भी खेती की जा रही है, जिसमें 16 हजार रुपए व्यय हुए हैं। उत्पादित कोदो-कुटकी को 95 हजार रुपए में बेचा गया है, इससे उन्हें 19 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी हुई है।

समूह को मिला अनुदान में ट्रैक्टर, 04 लाख रुपए ऋण राशि जमा :

जय तुलसी स्व-सहायता समूह को शासन की ओर से 80 प्रतिशत अनुदान पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराया गया है, जिससे उनके द्वारा गौठान में साग-सब्जी की खेती के अलावा किराये में किसानों द्वारा कृषि कार्य में उपयोग किया जा रहा है, इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है, अब तक 08 लाख रुपए की आमदनी प्राप्त हो चुका है, जिसमें से 04 लाख रुपए ट्रैक्टर का ऋण राशि भी बैंक में जमा किया गया है।

श्रीगुहान गौठान में चरवाहा जलीराम गोबर को बेचकर हर महीने 03 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त कर रहा है, जिससे उनके घर का खर्चा चल जाता है। उन्होंने बताया कि पशुओं को चराने व देखरेख के लिए गांव के पशुपालकों द्वारा निर्धारित राशि अथवा खाद्यान्न दिया जाता है। इसके अलावा गौठान के गोबर को बेचने से भी आमदनी हो रहा है। जलीराम ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से प्रतिदिन सुबह गौठान में पशुओं को इक_ा किया जाता है, जिसके गोबर को एकत्रित कर गौठान में बेच देते हैं, इससे उन्हें हर महीने लगभग 03 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त हो रही है।