परशुराम सेना ब्राह्मण समाज ने ज़िलाधीश महोदय को मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

कोरबा,29 मई। बीते महीने रतनपुर पुलिस द्वारा एक विशेष संप्रदाय के युवक को एक महिला के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ़्तार किया था जिसके ख़िलाफ़ न्यायलयीन कार्यवाही चल रही थी कि अचानक आरोपी युवक के परिवार के ही किसी सदस्य ने पीड़ित महिला की माँ के ख़िलाफ़ पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा दिया और रतनपुर पुलिस ने बिना किसी प्राथमिक जाँच के उस बेसहारा विधवा महिला को गिरफ़्तार कर लिया ।

ग़ौरतलब है कि पीड़ित महिला और उसकी माँ पर आरोपी आफ़ताब और उसके परिवार वाले लंबे समय से समझौता करने और केस को रफ़ा दफ़ा करने का दबाव बना रहे थे जिसकी शिकायत इन्होंने पुलिस से भी करी थी । पीड़ित महिला अकेले अपनी माँ के साथ रहती थी और अब माँ की गिरफ़्तारी के बाद उसके ऊपर अपनी सुरक्षा का भी भय बना हुआ है ।

प्रथम दृष्टया यह कार्यवाही पीड़ित महिला पक्ष पर समझौते का अनैतिक दबाव बनाने हेतु आरोपी आफ़ताब के परिवार द्वारा पुलिस की साँठगाँठ से की गई प्रतीत होती है । क़ानूनतः देखा जाये तो हितों के टकराव वाले इस मामले में पुलिस को पहले निष्पक्ष जाँच करनी थी और फिर कोई कार्यवाही करनी थी ।

अपराध और अन्याय किसी के भी साथ हो समाज को उसका प्रतिकार करना चाहिये । आप इस कठिन समय में अगर अपने लोगों के साथ खड़े होते हैं तो यही बात परिवार और समाज के उद्देश्य को सार्थक करेगी और आपस में एक दूसरे के लिए सुरक्षा का भाव पैदा करेगी । इसलिए इस वक़्त रतनपुर के उस ब्राह्मण परिवार की उस बेसहारा बहन और उसकी माँ के साथ सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज को अपनी पूरी ताक़त के साथ खड़ा होना चाहिए ।

जो अपराधी है उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन न्याय पर भरोसा बना रहे इसलिए हम आशा करते हैं कि जाँच पूरी तरह निष्पक्ष हो । इसी माँग को लेकर आज दिनांक 29 मई सोमवार को दोपहर 12 बजे परशुराम सेना ब्राह्मण समाज एकत्रित होकर ज़िलाधीश महोदय को मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम उपरोक्त मामले में निष्पक्ष जाँच एवं कार्यवाही की माँग का ज्ञापन सौंपा गया ।
इस अवसर पर परशुराम सेना के संरक्षक के डी दीवान, अध्यक्ष नंद त्रिपाठी, सचिव रविंद्र दुबे, राजेश दुबे, नरेंद्र दुबे, अजय पांडे, रामकिशोर शर्मा, निखिल शर्मा के साथ ब्राह्मण समाज के प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।