नई दिल्ली.गुजरात टाइटंस को हार्दिक पंड्या की सबसे ज्यादा जरूरत है. लगातार दूसरी बार चैंपियन बनने का सपना देख रही गुजरात क्वालिफायर 2 में अपने कप्तान की वापसी की राह देख रही है. पिछले सीजन रनों की बारिश कर गुजरात को चैंपियन बनाने वाले वो हार्दिक पंड्या इस सीजन कहां चले गए. पॉइंट टेबल में टॉप पर रहते हुए गुजरात प्लेऑफ में तो पहुंच गई, मगर हर बार शुभमन गिल या फिर विजय शंकर के भरोसे नहीं बैठा जा सकता.
चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ क्वालिफायर 1 इसका सबूत है कि कप्तान की खराब फॉर्म टीम को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है. गिल और विजय शंकर का बल्ला नहीं चला तो टीम मुकाबला ही गंवा बैठी, जिसका नतीजा उनके हाथ से सीधे फाइनल में पहुंचने का मौका फिसल गया और अब उसे एलिमिनेटर की विजेता मुंबई से भिड़ना पड़ रहा है. गुजरात की सबसे बड़ी टेंशन अपने कप्तान की फॉर्म हैं, क्योंकि अगर मुंबई के खिलाफ गिल या शंकर में से कोई चूक जाता है, तो गुजरात के पास खोने के लिए कुछ नहीं बचेगा.
पंड्या का फ्लॉप शो
हालांकि ये काफी दिलचस्प है कि मुकाबला हार्दिक पंड्या अपने घर में ही खेल रहे हैं और इस अहम मैच में उनकी वापसी की फैंस दुआ कर रहे हैं. पंड्या अभी तक इस टूर्नामेंट में कुछ नहीं कर पाए. गुजरात गिल, शंकर, मोहम्मद शमी, राशिद खान के दम पर आगे बढ़ रहे हैं. अब ये देखना होगा कि क्या जरूरत के वक्त पंड्या कुछ पाते हैं या नहीं. इस सीजन 14 मैचों में वो महज 297 रन ही बना पाए.
पंड्या का गिर गया ग्राफ
पंड्या का इस सीजन औसत 27 का रहा. जबकि पिछले सीजन उन्होंने 15 मैचों में 44. 27 की औसत से 487 रन ठोक दिए थे. गेंदबाजी में पंड्या ने इस सीजन दिल्ली कैपिटल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 2 फिफ्टी लगाई, पिछले 5 मैचों में तो उनके प्रदर्शन का ग्राफ और भी बुरी तरह से गिर गया. वो महज 45 रन ही बना पाए और तो और उन्होंने पिछले 5 मैचों में एक भी ओवर नहीं फेंका.
मुंबई के खिलाफ फ्लॉप
इस सीजन मुंबई के खिलाफ उनके प्रदर्शन की बात करें तो पहली टक्कर अहमदाबाद में ही हुई थी, जहां पंड्या महज 13 रन ही बना पाए और पीयूष चावला का शिकार हो गए. उन्होंने उस मुकाबले में अपनी ही गेंद पर रोहित शर्मा का कैच लपका था, जो खुद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. दूसरी टक्कर में गुजरात के कप्तान ने महज 4 रन बनाए और जेसन बेहरनडॉर्फ का शिकार हो गए. मुंबई के खिलाफ दोनों ही बार उनका बल्ला नहीं चला, मगर अब उनके बल्ले का चलना बेहद जरूरी है.
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