डेस्क। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से बुधवार को कहा गया कि भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ सकती है। इस तरह की जीडीपी ग्रोथ रेट आने पर हम सभी को सप्राइज नहीं होना चाहिए।
पहले क्या था अनुमान?
अप्रैल के पहले हफ्ते में हुई मॉनटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के फैसलों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर की ओर से बताया गया था कि 2022-23 में भारत की जीडीपी के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
2023-24 के लिए क्या है जीडीपी ग्रोथ का अनुमान?
आरबीआई के गवर्नर ने अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.9 प्रतिशत रह सकती है।
वैश्विक संस्थाओं का भारत की जीडीपी को क्या है अनुमान?
इस साल की शुरुआत में आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक दोनों की ओर से भारतीय जीडीपी की ग्रोथ रेट को लेकर अनुमान जारी किए गए थे। आईएमएफ की ओर से कहा गया था कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारती की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत रह सकती है और वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
दुनिया की सबसे तेजी बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था?
मौजूदा समय में भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे समय पर विकास कर रही है, जब पश्चिमी देशी में मंदी आने की आशंका बनी हुई है। 7 प्रतिशत से अधिक के अनुमान के साथ भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है।
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