कुमार विश्वास प्रस्तुत करेंगे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में रामकथा, मैथिली ठाकुर भी देंगी प्रस्तुति

देश भर से प्रख्यात गायक और कलाकार देंगे 1 से 3 जून तक रामायण प्रस्तुति

रायपुर, 22 मई 2023/ देश में रामकथा के प्रख्यात प्रस्तुतकर्ता श्री कुमार विश्वास रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में रामकथा प्रस्तुत करेंगे। श्री विश्वास की पहचान मूलतः कवि के रूप में रही है लेकिन विगत कुछ वर्षों से उन्होंने अपनी खास भाषा में प्रस्तुति के विशिष्ट अंदाज में रामकथा प्रस्तुत की है। इसी तरह अपनी सुमधुर आवाज और लोकगीतों में अद्भुत पकड़ के चलते सुश्री मैथिली ठाकुर का गायन भी बहुत लोकप्रिय रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर यह आयोजन किया जा रहा है, ताकि देश-विदेश में प्रचलित रामकथा का अस्वादन अधिकतम लोग कर सकें।

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव मूलतः रामकथा के अरण्य कांड पर केंद्रित है। इस मायने में कुमार विश्वास की अब तक हुई रामकथा पर ध्यान दें तो उनका बहुत सा हिस्सा वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा किये गये विशिष्ट संघर्षों पर केंद्रित होता है। उनकी कथा में उन ऋषियों का जिक्र होता है, जिसमें अरण्य कांड के दौरान भगवान श्रीराम मिले। उल्लेखनीय है कि रामकथा से जुड़े हुए अनेक ऋषियों की पुण्यभूमि छत्तीसगढ़ रही है। भगवान श्रीराम वनवास के दौरान इन ऋषियों के आश्रम में गये और उनसे लगातार ब्रह्म ज्ञान पर चर्चा की। संस्कृति विभाग द्वारा अरण्य कांड पर महोत्सव रखने का एक विशिष्ट कारण यह भी है कि इनमें से अधिकतर लीला भगवान श्रीराम ने दंडकारण्य में की है।

युवा वर्ग में और संगीत प्रेमियों में इंडियन आइडल फेम शंमुख प्रिया बहुत चर्चित रही हैं। रायगढ़ में श्रोताओं के पास उन्हें सुनने के लिए विपुल समय होगा और वे तन्मयता से उनसे श्रीराम के चरित पर सुमधुर गीत सुन सकेंगे। इसी तरह सारेगामा फेम शरद शर्मा की खास प्रस्तुति भी दर्शकों के लिए होगी। मशहूर गायक हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा के भजनों से लोगों के दिन की सुंदर शुरूआत होती है। उन्हें प्रत्यक्ष रूप से सुनने का मौका इस महोत्सव में उपलब्ध होगा।

सबसे खास बात महोत्सव में दक्षिण पूर्वी एशियाई द्वीपों के दलों की प्रस्तुति होगी। रामकथा इन द्वीपों के मानस में गहराई से बसी हुई है और इनका नृत्य गायन बहुत कुछ रामलीला पर आधारित है। किस प्रकार श्रीराम की कथा इन द्वीपों में फैली। इनकी सामूहिक स्मृति का हिस्सा बनी। इनके धरोहरों में अंकित हुई। इन सबकी समझ और इसकी सुंदरता की गहराई दर्शक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में जान सकेंगे।

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