तपती धूप में कलेक्टर ने जिले में चल रहे राजस्व सर्वेक्षण कार्य का किया निरीक्षण

धमतरी ,13 मई  मई की दोपहरी और तपती धूप में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने आज जिले के विभिन्न ग्रामों में चल रहे विस्तृत राजस्व सर्वेक्षण कार्य का मुरुमसिल्ली पहुंचकरमौके निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मुरुमसिल्ली में चल रहे सर्वेक्षण कार्य की विस्तृत जानकारी राजस्व अधिकारियों और ग्रामीणों से ली। कलेक्टर रघुवंशी ने गांव की सीमा निर्धारित करने के लिए गांव के चारों ओर स्थायी चांदामुनारा निर्मित करने कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक, आरआई भारती के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

राजस्व सर्वेक्षण की टीम के कार्यो को कलेक्टर ने सराहा :

वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित किए गए 87 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए सर्वेक्षण कार्य जिले मे किया जा रहा। राजस्व सर्वेक्षण दल की ओर से मई की दोपहरी में तपती धूप में सर्वेक्षण कर रहे टीम की सराहना की। उल्लेखनीय है कि असर्वेक्षित ग्रामों का सर्वेक्षण करने धमतरी जिले के कलेक्टर की ओर से जिला स्तरीय सर्वे दल का गठन किया गया। अलग अलग ग्रामों में लगभग 40-50 सदस्यीय सर्वे टीम बनाई गई। सर्वेक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार कर सभी 87 ग्रामों का सर्वेक्षण किया गया। इन गांवों में अभियान चलाकर राजस्व अभिलेख तैयार किए जा रहे है।

सर्वेक्षण कार्य पांच चरणों मे संपादित होता है। ग्राम की अधिसूचना, आई आई टी रुड़की द्वारा गांव में कोआर्डीनेट लेकर बाऊंडीफिकेशन के लिए सेटेलाइट से नक्शा उपलब्ध कराता है। उसका भौतिक सत्यापन कर विसंगतियों को दूर कर रूड़की भेजा जाता है। वहां से नक्शा मिलने पर ग्राम पंचायत मे प्रथम प्रकाशन कर दावा आपत्ति आहूत की जाती है। दावा आपत्ति के निराकरण कर पुन: रुढ़की भेजी जाती है। रूड़की से संशोधित नक्शा आते ही अंतिम प्रकाशन कर दावा आपत्ति मंगाकर उसका निराकरण किया जाता है।

भुंईया में अपलोड के बाद होगी ऑनलाईन प्रविष्टि :

कलेक्टर के आदेश से इसके बाद भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 107, 108, 235, 236, 237, 242, 248 मे दिये गये नियमो व उपबंधो के तहत क्षेत्र नक्शा, खसरा, बी वन, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, मिशल अभिलेख, रीनंबरिंग सूची और अन्य सहायक क्षेत्र अभिलेख तैयार कर की जाती है। तैयार अभिलेंखों का त्रिस्तरीय जांच भू-अभिलेख शाखा मे की जाती है। परिष्कृत अभिलेख तैयार हो जाने के बाद सर्वेक्षण समाप्ति की अधिसूचना जारी करते हुये भुंईया सॉफ्टवेयर में अपलोड कराने की कार्यवाही की जाती है। उसके बाद नवीन राजस्व ग्राम के संबंधित पटवारी की ओर से आनलाईन अभिलेख प्रविष्टि की जाती है।